Tonk जिले में 50 हजार हेक्टेयर फसलें नष्ट
टोंक न्यूज़ डेस्क, टोंक जिले में अतिवृष्टि व जलभराव से 50 हजार हेक्टेयर में फसलें खराब हुई हैं। इनमें औसतन 30 फीसदी नुकसान बताया गया है। सबसे ज्यादा नुकसान मालपुरा, निवाई व पीपलू क्षेत्र में हुआ है। कृषि विभाग की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह नुकसान सामने आया है। किसानों ने फसल खराबे का मुआवजा दिलाने की मांग की है। उधर, मंगलवार को जयपुर से आए कृषि विभाग के अधिकारियों ने खेतों में फसल खराबे का जायजा लिया। इस दौरान अधिकारियों ने किसानों को फसलों में कीट प्रकोप को लेकर कृषि पर्यवेक्षक की सलाह पर दवा का छिड़काव करने को भी कहा। सर्वे पूरा कर रिपोर्ट सौंपी ज्ञात हो कि जिले में पिछले दिनों अतिवृष्टि हुई है। इससे फसलों को काफी नुकसान हुआ है। खेतों में पानी भर गया। इससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। फसलों में अभी भी पानी भरा हुआ है। इसको लेकर कृषि विभाग ने कृषि पर्यवेक्षकों को सर्वे करने के निर्देश दिए।
मंगलवार को इसका सर्वे भी पूरा हो गया और रिपोर्ट कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक वीरेंद्र सिंह सोलंकी को सौंप दी गई। इस रिपोर्ट में 50 हजार हैक्टेयर में फसल खराबे की बात सामने आई है। संयुक्त निदेशक ने इसकी रिपोर्ट जयपुर भेज दी है। कृषि अधिकारी कजोड़ मल गुर्जर ने बताया कि कृषि विभाग टोंक व कृषि विज्ञान केंद्र वनस्थली के वैज्ञानिकों की टीम ने मंगलवार को दूनी क्षेत्र के दूनी, संथली, बांधली, गांधी ग्राम आदि गांवों का दौरा कर फसलों का निरीक्षण किया तथा अतिवृष्टि के कारण हुए जलभराव में पानी की निकासी करने की सलाह दी। कृषि विज्ञान केंद्र वनस्थली के प्रभारी व कृषि वैज्ञानिक बंशीधर चौधरी ने बताया कि उड़द की फसल में पीली शिरा मोजेक रोग का प्रकोप देखा गया है, जिसके लिए डायमेथोएट 30 ईसी एक लीटर प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव करने की सलाह दी है। साथ ही फसल खराबे के लिए बीमा कंपनी में क्लेम करने की भी सलाह दी।