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Sriganganagar सरकार बदलने के साथ ही फिर से दावेदारों की सुगबुगाहट शुरू हो गई है

 
Sriganganagar सरकार बदलने के साथ ही फिर से दावेदारों की सुगबुगाहट शुरू हो गई है
श्रीगंगानगर न्यूज़ डेस्क, श्रीगंगानगर प्रदेश में सरकार बदलते ही अब नगर विकास न्यास की अध्यक्षी पाने के लिए कई दावेदारों की सुगबुगाहट का दौर शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव में जिन भाजपाइयों ने विधायक बनाने के लिए सक्रिय रूप से सहयोग दिया है, उनके नामों की क्यास लगने शुरू हो गए हैं। जिला मुख्यालय पर नगर विकास न्यास अध्यक्ष का पद पिछले पांच सालों से खाली पड़ा है। न्यास परिसर में अध्यक्ष का कमरा कभी कभार तब खुलता है, जब कार्यवाहक प्रशासक जिला कलक्टर दौरे पर आते हैं। अब लोकसभा चुनाव से पहले न्यास के न्ए अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगने की संभावना है। ऐसे में कई दावेदारों ने सपने संजोए हुए हैं। विदित रहे कि पिछले पांच साल में राज्य में कांग्रेस की गहलोत सरकार के दौरान न्यास अध्यक्ष की कुर्सी पर किसी का नाम भी तय नहीं हुआ। प्रदेश में पायलट और गहलोत ग्रुपों की खींचतान का असर यह रहा कि पूरे पांच साल में न्यास अध्यक्ष बनाने पर सहमति तक नहीं हो पाई। तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत से नजदीकी होने के कारण पूर्व विधायक राजकुमार गौड़ ने न्यास के माध्यम से कई कार्य करवाए, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं में से किसी एक पर सहमति नहीं बनी।

चेयरमैन कार्यकाल कब से कब तक

राधेश्याम गंगानगर 20.06.1981 से 05.06.1987

जे.बी. जोशी 01.05.1994 से 21.04.1997

राजकुमार गौड़ 03.06.2000 से 05.06.2003

सीमा पेड़ीवाल 16.07.2007 से 22.12.2008

ज्योति कांडा 08.12.2011 से 18.12.2013

संजय महिपाल 09.07.2016 से 31.12.2018

43 साल में सिर्फ छह न्यास चेयरमैन बने

श्रीगंगानगर में यूआइटी की स्थापना वर्ष 1980 में हुई थी। तब से लेकर अब तक करीब 43 साल के न्यास कार्यकाल में सिर्फ छह बार न्यास चेयरमैन रहे हैं। बाकी समय में न्यास अध्यक्ष की कुर्सी की बागडोर कलक्टरों के हाथ रही है। चेयरमैनों की सूची में सबसे ज्यादा लंबा समय पूर्व विधायक राधेश्याम गंगानगर के नाम है। वे पहले चेयरमैन बने थे और करीब छह साल तक न्यास अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज रहे। सबसे कम समय भाजपा नेता महेश पेड़ीवाल की पत्नी सीमा पेड़ीवाल का रहा है, वे सिर्फ डेढ़ साल की समय अवधि के लिए अध्यक्ष रही।