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Sriganganagar अंधड़ के बाद आई बारिश से गर्मी के तेवर ढीले, लोगों को मिली राहत

 
Sriganganagar अंधड़ के बाद आई बारिश से गर्मी के तेवर ढीले, लोगों को मिली राहत

श्रीगंगानगर न्यूज़ डेस्क, श्रीगंगानगर   लंबे अंतराल के बाद मानसून के मेघ एक बार फिर श्रीगंगानगर जिले पर मेहरबान हुए। अपरान्ह तीन बजे के आसपास तेज अंधड़ के साथ शुरू हुई बारिश से गर्मी और उमस के तेवर ढीले पड़ गए। श्रीगंगानगर में लगभग चालीस मिनट तक तेज बारिश हुई। इससे सड़कें जलमग्न हो गई। बूंदाबांदी रात तक होती रही। सर्वाधिक 106 मिलीमीटर बारिश उप तहसील मिर्जेवाला में हुई। फसलों के लिए बारिश फायदेमंद है। लेकिन तेज हवा के साथ बारिश का सिलसिला आगे भी चला तो इससे नरमा की फस्ल को नुकसान हो सकता है।

सावन में इस बार मेघों की बेरुखी रही। इसी समय नहरी पानी की कमी से मूंग, ग्वार और गन्ना की फसल तथा बागवानी को नुकसान हुआ। किसानों का कहना है कि यह बारिश हाड़ी फसल की बिजाई में सहायक सिद्ध होगी। अंधड़ से बड़ी संख्या में पेड़ गिर गए। विद्युत पोल भी क्षतिग्रस्त हो गए। अंधड़ के साथ ही जिले में विद्युत आपूर्ति भंग हो गई जो डेढ़ घंटे बाद बहाल हो पाई। जहां विद्युत पोल और विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हुई है, वहां इसकी बहाली के प्रयास चल रहे थे। मौसम विभाग ने बारिश के संबंध में जो पूर्वानुमान जारी किया था उसके अनुसार मानसून ट्रफ लाइन बीकानेर से होकर कम दबाव के क्षेत्र तक विस्तृत है। इससे बीकानेर संभाग में मेघ गर्जना के साथ हल्की और मध्यम दर्जे की बरसात की संभावना जताई गई थी। श्रीगंगानगर जिले में अभी 16 से 18 सितम्बर तक बारिश दौर चलने की संभावना है।

पुरानी आबादी क्षेत्र में जलभराव की समस्या का समाधान के लिए नगर परिषद ने गड्ढों की सफाई के साथ-साथ पाइप लाइन बिछाने का काम महीने भर पहले किया था। गड्ढों का पानी पाइप लाइन के जरिए साधुवाली के पास लिंक नहर में डाले जाने की योजना का काम पूरा हो गया। लेकिन शुक्रवार को बारिश आई तो पुरानी आबादी के वही इलाके जलमग्न हो गए जो पहले भी इस समस्या से जूझ रहे थे। सुखाड़िया सर्किल और रविन्द्र पथ पर भी कई जगह बारिश का पानी जमा होने से लोगों को परेशानी हुई। लाधूवाला. पिछले डेढ माह के लंबे इंतजार के बाद शुक्रवार दोपहर दो बजे तेज धूल भरी आंधी व बरसात के कारण फसलों को नुकसान हुआ। दोपहर से शुरू हुआ बारिश का दौर शाम तक जारी था। किसानों ने बताया कि अगस्त में नहरी पानी की कमी व बरसात नहीं होने के कारण फसलें झुलस रही थीं। रही कसर गुलाबी सुंडी ने निकाल दी। अब इस तूफान व बरसात ने किसानों की कमर ही तोड़ कर रख दी है। किसानों के अनुसार नरमे की फसल में 60 से 70 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। नरमा की फसल अब पूरे पकाव पर थी। खिड़ाव भी शुरू हो चुका था। पिछले दिनों गर्मी के कारण अभी तक नरमा की चुगाई नहीं कर पाए थे। सबसे अधिक नरमा की फसल में नुकसान हुआ है। वहीं मूंग व ग्वार की कटाई कर रखी गई फसल भी कई जगह उड़ गई या व पानी में भीगने से खराब हो गई है। लाधूवाला के किसान अनिल सहारण ने बताया कि इस बार नरमा की फसल बहुत बढिय़ा लग रही थी परंतु इस तूफान से नरमें की फसल जमीन पर बिछ गई है। टहनियां टूटने से भारी नुकसान हुआ है। चक मनफूलसिंहवाला के किसान शिवनारायण सहारण ने बताया है कि नरमा के साथ बागों में भी भारी नुकसान हुआ है। किन्नू के फल नीचे गिर चुके हैं। किन्नू की टहनियां टूट गई है। महियांवाली के किसान पृथ्वीराज रिवाड़ ने बताया है कि नरमे की फसल में भारी नुकसान हुआ है। मूंग की कटाई करके रखी गई फसल पानी में भीग गई है। लाधूवाला के महेंद्र सिंह संदू ने बताया है कि किसानों को बहुत बड़ा नुकसान इस तूफान व आंधी में हुआ है।