श्रीगंगानगर में दो सांडों की लड़ाई में ड्राइवर की मौत, दिनदहाड़े बीच सड़क पर हुई इस मौत का वीडियो देख दहल जाएगा दिल
श्रीगंगानगर में आवारा सांडों की लड़ाई के दौरान एक ट्रैक्टर ड्राइवर की मौत हो गई। वह अपनी बहू को सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कराने के बाद बाजार से फल लेने जा रहे थे। हादसा शुक्रवार दोपहर में सादुलशहर बस स्टैंड के पास हुआ।
श्रीगंगानगर न्यूज़ डेस्क - श्रीगंगानगर में आवारा सांडों की लड़ाई में ट्रैक्टर चालक की मौत हो गई। वह अपनी पुत्रवधू को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराकर फल खरीदने जा रहा था। हादसा शुक्रवार दोपहर सादुलशहर बस स्टैंड के पास हुआ।समाजसेवी हरफूल सिंह यादव ने बताया- वार्ड नंबर 17 निवासी श्योकरण (55) पुत्र गोवर्धन दास सादुलशहर सरकारी अस्पताल से भगत सिंह चौक की तरफ जा रहे थे। रास्ते में मुथूट फाइनेंस के पास दो सांड लड़ रहे थे। इसी दौरान दोनों सांड श्योकरण की तरफ भागे। इससे पहले कि श्योकरण कुछ समझ पाता, वह इन सांडों की लड़ाई में फंस गया। सांडों ने उसे इतनी जोर से मारा कि वह सड़क पर बेहोश होकर गिर पड़ा।
उपचार के दौरान श्रीगंगानगर में मौत
हरफूल सिंह यादव ने बताया- बाजार में मौजूद लोगों ने श्योकरण को उठाया और तुरंत अस्पताल ले गए। चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे श्रीगंगानगर रेफर कर दिया। श्रीगंगानगर में उपचार के दौरान श्योकरण की मौत हो गई। हादसे के बाद लोगों में रोष है। लोगों ने प्रशासन से आवारा पशुओं से निजात दिलाने की मांग की है, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
सांड के हमले में रिटायर्ड शिक्षक की मौत
सीकर के नीमकाथाना के उसुरपुरा सराय में मंगलवार सुबह 7 बजे आवारा सांड के हमले में रिटायर्ड शिक्षक की मौत हो गई। रिटायर्ड शिक्षक प्रभु दयाल मीना (70) बस स्टैंड के पास अपने घर के बाहर खड़े थे। आवारा सांड ने उन पर हमला कर दिया। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बुजुर्ग को बचाने का प्रयास किया। काफी मशक्कत के बाद उन्हें सांड से छुड़ाया, लेकिन तब तक प्रभु दयाल की मौके पर ही मौत हो गई।ग्रामीण हनुमान सिंह ने बताया- हमले के बाद ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से आवारा सांड को रस्सियों से पकड़ा और पेड़ से बांध दिया। शव को नीमकाथाना जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। जहां पोस्टमार्टम की कार्यवाही की गई। प्रभु दयाल के कुल 6 भाई हैं। प्रभु दयाल चौथे नंबर के थे। उनके चारों भाइयों की पहले ही मौत हो चुकी है। प्रभुदयाल के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा सरकारी नौकरी में है। छोटा बेटा झुंझुनूं में रहकर प्राइवेट नौकरी करता है।
बीकानेर में भी हुई थी घटना, कोर्ट ने दिया था 33 लाख देने का आदेश
21 मई 2018 को बीकानेर के केसरदेसर जाटान गांव निवासी आसाराम सुथार (40) घर जा रहे थे। इस दौरान सड़क पर दो सांडों ने आसाराम पर हमला कर दिया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। इस मामले में जिला कोर्ट ने राज्य सरकार और पंचायत समिति को दोषी माना था। कोर्ट ने मृतक के परिवार को 33 लाख 22 हजार रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया था।
