राजस्थान के इस जिले में हाईकोर्ट ने 100 करोड़ के जमीन आवंटन पर लगाईं रोक, विधायक बोले- राजनीतिक साजिश हो रही

श्रीगंगानगर न्यूज़ डेस्क - सूरतगढ़ के जाखड़वाली स्थित बहुचर्चित विवेकानंद पब्लिक स्कूल को भूमि आवंटन के मामले में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अंतरिम रोक लगाते हुए स्थगन आदेश जारी किया है। इस संबंध में कांग्रेस के तीन निवर्तमान पार्षदों परसराम भाटिया, बसंत बोहरा व तुलसी आसवानी ने रिट दायर की थी। विधायक डूंगरराम गेदर ने रविवार को जन सेवा केंद्र में प्रेस वार्ता के जरिए जानकारी देते हुए कहा कि शहर की बेशकीमती जमीन को बचाने के लिए सदन से लेकर सड़क तक संघर्ष करेंगे, लेकिन किसी भी हालत में इस जमीन को हड़पने नहीं देंगे। विधायक गेदर ने कहा कि नियमों व कोर्ट के आदेशों को ताक पर रखकर राजनीतिक प्रभाव के चलते धानमंडी के पीछे स्थित करीब सौ करोड़ रुपए कीमत की जमीन को आवंटित करवाने के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं।
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उन्होंने बताया कि जाखड़वाली में चल रहा विवेकानंद पब्लिक स्कूल पूर्व मंत्री रामप्रताप कासनिया के पुत्र संदीप कासनिया का है। इस विद्यालय के निरंतर संचालित होने तथा दूसरे जिले का होने के बावजूद धान मंडी के पीछे 4 बीघा भूमि आवंटन का प्रस्ताव 28 अगस्त 2024 को नगरपालिका बोर्ड की बैठक में पारित कर राज्य सरकार को भेजा गया था। जबकि यह प्रस्ताव 7 फरवरी 2005 को नगरपालिका बोर्ड की बैठक में निरस्त कर दिया गया था। इस प्रस्ताव के खिलाफ विद्यालय द्वारा निगरानी याचिका प्रस्तुत करने पर तत्कालीन स्वायत्त शासन मंत्री ने 8 मार्च व 19 अप्रेल 2006 को भूमि आवंटन के आदेश दिए थे, जिसे हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी इस आदेश को निरस्त करने की पुष्टि की थी। विधायक ने कहा कि इसके बावजूद नगरपालिका बोर्ड द्वारा राजनीतिक प्रभाव में यह प्रस्ताव पारित करना सीधा भ्रष्टाचार है।
हालांकि तत्कालीन नगरपालिका चेयरमैन ओमप्रकाश कालवा व अधिशासी अधिकारी ने 16 जनवरी 2023 को एंपावर्ड कमेटी की बैठक में कोचिंग संस्थान, लाइब्रेरी आदि के लिए इस भूमि का लेआउट प्लान तैयार कर नगर नियोजन विभाग से स्वीकृत करवाकर नीलाम करने का निर्णय लिया था। इसलिए इस बेशकीमती भूमि को बचाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। इस पर न्यायाधीश पुष्पेन्द्र सिंह भाटी व प्रमिल कुमार माथुर की खंडपीठ ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी कर स्वायत्त शासन विभाग के सचिव, निदेशक, नगरपालिका प्रशासक, अधिशासी अधिकारी व विद्यालय के अध्यक्ष को नोटिस जारी किया। प्रेस वार्ता में विधानसभा संयोजक हेतराम जाखड़, ब्लॉक अध्यक्ष परसराम भाटिया, जिला सचिव जेपी गिला, शहर अध्यक्ष जेपी गहलोत, एडवोकेट बलराम कुक्कड़वाल, सोशल मीडिया प्रभारी दलीप वर्मा आदि मौजूद थे।
बाड़ खेत को खा रही है
गेदर ने कहा कि विधायक होने के नाते वे सूरतगढ़ को आदर्श शहर बनाना चाहते हैं, लेकिन यहां तो बाड़ खेत को खा रही है। जनप्रतिनिधि भी भू-माफिया, नशाखोरी व भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। ऐसे में आमजन को शहर को बचाने के लिए आगे आना होगा। हालांकि उन्होंने विधानसभा में भी सरकार व प्रशासन को घेरने का प्रयास किया है। अब भ्रष्ट व बेलगाम सरकारी तंत्र के खिलाफ सड़क पर कड़ा संघर्ष किया जाएगा। मिलीभगत से सरकारी जमीन में बड़े पैमाने पर हेरफेर की तथ्यों के साथ शिकायत की जाएगी। उन्होंने कहा कि एक तरफ हम जिला बनाने की मांग कर रहे हैं और जिला बनने के बाद विभिन्न विभागों के लिए जमीन की जरूरत पड़ेगी, लेकिन यहां टायर लगाकर जमीन का बंदरबांट किया जा रहा है, जो गंभीर मामला है।
गैस प्लांट के लिए भी लड़ेंगे
शहर में करणी माता मंदिर के पास फोरलेन सड़क पर बन रहे बायो एनर्जी गैस प्लांट के मामले में विधायक ने कहा कि इस गंभीर मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया गया था। उन्होंने कहा कि आबादी क्षेत्र के पास बन रहा यह प्लांट शहर के लिए बेहद खतरनाक है और इससे लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। इसके बावजूद सरकार-प्रशासन इसका निर्माण नहीं रोक रहा है। इसके खिलाफ गठित सूरतगढ़ बचाओ संघर्ष समिति के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।