राजस्थान में एमडी ड्रग्स फैक्ट्री मिलने के बाद खुला बड़ा रैकेट, सीमावर्ती जिलों में महानगरों जैसा रेव पार्टी कल्चर पनपने की आशंका
ड्रीम होम्स अपार्टमेंट में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की कार्रवाई में मेफेड्रोन (एमडी) ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री मिलने के बाद यह आशंका गहराने लगी है कि कहीं महानगरों की तर्ज पर श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में भी रेव पार्टियों का ट्रेंड तो नहीं पनप रहा।एनसीबी ने बताया कि फैक्ट्री से तैयार एमडी ड्रग्स की आपूर्ति इन दोनों जिलों में ही की जा रही थी। यह खुलासा बेहद गंभीर है, क्योंकि अब तक यहां हेरोइन, स्मैक, चिट्टा और मेडिकेटेड नशे की ही चर्चा होती थी, लेकिन अब युवाओं की लिस्ट में एमडी ड्रग्स भी जुड़ गई है।
कौन करते हैं एमडी ड्रग्स का सेवन ?
मुख्य रूप से युवा व किशोर मनोरंजन के उद्देश्य से इसका सेवन करते हैं।
नाइट क्लब, संगीत समारोह और रेव पार्टियों में यह ड्रग आम होती जा रही है।
कुछ रिपोर्टों में समलैंगिक युवाओं में भी इसके उपयोग की पुष्टि हुई है।
इन जगहों पर होती हैं पार्टियां
नाइट क्लब और डिस्को जहां उत्साह और सामाजिक मेलजोल के लिए युवा जुटते हैं।
संगीत समारोह और फार्म हाउस पार्टियां, जहां एमडी ड्रग्स का चलन तेजी से बढ़ रहा है।
निजी पार्टियों में भी इसकी खपत देखी गई है।
फार्म हाउस संस्कृति बनी आशंका का कारण
पिछले कुछ वर्षों में श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ में फार्म हाउस संस्कृति तेजी से बढ़ी है। यदा-कदा यहां पार्टी या शोरगुल के समाचार भी सामने आए हैं। एनसीबी का मानना है कि एमडी ड्रग्स का सेवन अकेले नहीं किया जाता, इसके लिए किसी को कंपनी चाहिए और वह कंपनी रेव पार्टियों में ही मिलती है। ऐसे में संदेह गहराता है कि कुछ फार्म हाउस इस तरह की गतिविधियों के अड्डे बनते जा रहे हैं।
पुलिस को तह में जाकर करनी होगी जांच
ड्रग्स फैक्ट्री पकड़ा जाना गंभीर है, लेकिन उससे भी अधिक चिंता की बात यह है कि इसकी आपूर्ति श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ में हो रही है। यदि इस नशे का संबंध रेव पार्टियों से है तो पुलिस को तह तक जाकर जांच करनी चाहिए।
