1930 में शुरू हुई ‘तूफान’ ट्रेन कोरोना के बाद से गायब, क्या अब कभी पटरी पर लौटेगी या नहीं ?

श्रीगंगानगर न्यूज़ डेस्क - आजादी से पहले ब्रिटिश हुकूमत के दौरान 1 जून 1930 को शुरू की गई उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस आज भी लापता है। यह ट्रेन हावड़ा से श्रीगंगानगर तक का सफर 45.25 घंटे में पूरा करती थी। उस समय यह देश की प्रमुख लंबी दूरी की ट्रेनों में से एक थी। लेकिन कोरोना की पहली लहर के दौरान 24 मार्च 2020 को लगाए गए लॉकडाउन ने इस ट्रेन की गतिविधियों को रोक दिया। उस समय निलंबित की गई इसकी सेवाएं अभी तक बहाल नहीं हुई हैं।
इस ट्रेन के फिर से शुरू न होने से आठ राज्यों के यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। श्रीगंगानगर में रहने वाले बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को भी त्योहारों और अन्य अवसरों पर अपने घर पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रेलवे बोर्ड में दायर आरटीआई के जवाब में भी कहा गया कि इस ट्रेन को निलंबित कर दिया गया है। आशंका है कि यह ट्रेन अब इतिहास के पन्नों तक ही सीमित रह गई है। सांसद ने भी की थी मांग
पूर्व जेडआरयूसीसी सदस्य भीम शर्मा ने बताया कि उद्यान आभा को रेलवे ने स्थगित किया है, बंद नहीं किया है। इसको लेकर पूर्व सांसद निहालचंद ने भी रेल मंत्री व रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर इस ट्रेन को फिर से शुरू करने की मांग की थी। इसके बाद वर्तमान सांसद कुलदीप इंदौरा ने भी इस ट्रेन को फिर से शुरू करने के लिए रेल मंत्री को पत्र लिखा था, लेकिन विपक्षी सांसद होने के कारण उन्हें जवाब देना भी उचित नहीं समझा गया।
आठ राज्यों से होकर गुजरती थी ट्रेन
यह ट्रेन हावड़ा से श्रीगंगानगर तक चलती थी और आठ राज्यों से होकर गुजरती थी। यह ट्रेन पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा व पंजाब होते हुए श्रीगंगानगर पहुंचती थी।
110 रेलवे स्टेशनों पर रुकती थी
उद्यान आभा 110 स्टेशनों पर रुकती थी। हावड़ा जंक्शन से रवाना होने के बाद यह ट्रेन वर्धमान, आसनसोल, मोकामा, बाढ़, पटना, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, प्रयागराज, कानपुर सेंट्रल, टूंडला, आगरा कैंट, मथुरा जंक्शन, नई दिल्ली, रोहतक, बठिंडा जंक्शन और अबोहर स्टेशनों से होते हुए श्री गंगानगर पहुंचती थी।
उद्यान आभा से जुड़े कुछ तथ्य
- यह ट्रेन प्रयागराज से श्री गंगानगर के लिए सुबह 5.10 बजे रवाना होती थी। वापसी का समय रात 10.10 बजे था।
- ट्रेन बंद होने से पहले इसकी अधिकतम गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा और औसत गति 44 किलोमीटर प्रति घंटा थी।
- श्री गंगानगर से यह ट्रेन 110 स्टेशनों पर रुकते हुए 45.25 घंटे में यात्रा पूरी करती थी।
- इस ऐतिहासिक ट्रेन की शुरुआत ब्रिटिश शासन के दौरान 1930 में हुई थी
यह निर्णय रेलवे बोर्ड स्तर पर लिया जाना है
उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस अब चलेगी या नहीं? यह निर्णय रेलवे बोर्ड स्तर पर लिया जाना है, न कि मंडल स्तर पर। यहां से इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।