राजस्थान के इस जिले पुलिस ने साइबर ठगी के आरोपियों पर कसा शिकंजा, करोड़ों की संपत्ति कुर्क होगी

श्रीगंगानगर न्यूज़ डेस्क - श्रीगंगानगर पुलिस ने साइबर ठगी के एक बड़े मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इस मामले में आरोपियों ने फर्जी कंपनी बनाकर लोगों से लाखों की ठगी की थी। इस मामले में पुलिस बाकी आरोपियों के खिलाफ सख्ती दिखा रही है। पुलिस अवैध रूप से अर्जित आय से अर्जित संपत्तियों को जब्त करने के लिए कोर्ट की मदद ले रही है।
यह था पूरा मामला
28 जनवरी 2025 को कैपमोर एफएक्स कंपनी के खिलाफ थाना सदर में मामला दर्ज किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि इस कंपनी ने कर्नाटक के विजयपुरा, इंगलागी में हजारों लोगों के साथ साइबर ठगी की है और करोड़ों रुपए की ठगी की है। इस मामले में विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
2 की गिरफ्तारी और बरामदगी
पुलिस ने मामले में आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें लाजपत आर्य (52 वर्ष) और दीपक आर्य (30 वर्ष) शामिल हैं। पुलिस ने इन आरोपियों से 10 लाख रुपए नकद, 6 सीपीयू, 6 मोबाइल फोन, 8 एटीएम कार्ड, 3 पैन कार्ड, 3 लग्जरी गाड़ियां और साइबर ठगी से जुड़े अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
अदालत में कुर्की की कार्रवाई के लिए मामला दर्ज
पुलिस निरीक्षक सुभाष चंद्र ने मामले में नई पहल करते हुए 12 मार्च 2025 को आरोपी लाजपत आर्य की पत्नी रेणु आर्य के नाम से जयपुर में खरीदी गई करोड़ों रुपए की संपत्तियों को कुर्क करने के लिए श्रीगंगानगर न्यायालय में मामला दर्ज कराया। इनमें अजमेर रोड स्थित ओमेक्स सिटी स्थित करोड़ों रुपए के प्लॉट भी शामिल हैं।
लग्जरी कार और करोड़ों की संपत्ति जब्त
इसके अलावा पुलिस ने आरोपियों द्वारा खरीदी गई अन्य संपत्तियों को भी जब्त किया है, जिसमें एक लग्जरी कार और श्रीगंगानगर के मानवी एन्क्लेव में प्लॉट भी शामिल हैं। इन संपत्तियों की कुल कीमत करोड़ों रुपए है।
कुर्की और नीलामी को लेकर प्रक्रिया शुरू की जाएगी
इस मामले में पुलिस ने इन संपत्तियों की कुर्की के लिए न्यायालय में वाद दायर किया है। अगर कोर्ट को ये तथ्य सही लगे तो इन संपत्तियों को जब्त या नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
अवैध संपत्तियों की पहचान करने में जुटी पुलिस
पुलिस लगातार मामले की जांच कर रही है और धोखाधड़ी के जरिए अर्जित की गई अन्य अवैध संपत्तियों की पहचान करने का प्रयास कर रही है। जैसे ही अवैध संपत्तियों का पता चलेगा, उन पर भी जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।
कोर्ट के आदेश पर नजर
कोर्ट की ओर से धारा 107 बीएनएस के तहत नोटिस जारी किए जाएंगे और अगर कोर्ट को पुलिस द्वारा दर्ज की गई रिपोर्ट सही लगी तो आरोपियों की संपत्तियों को जब्त या नीलाम करने का आदेश दिया जा सकता है। इस प्रकार श्रीगंगानगर पुलिस ने इस बड़े साइबर धोखाधड़ी मामले में आरोपियों की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो धोखाधड़ी के खिलाफ एक कड़ा संदेश है।