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दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में शामिल हुए राजस्थान के ये दो जिले, 417 तक पहुंचा AQI लेवल

 
दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में शामिल हुए राजस्थान के ये दो जिले, 417 तक पहुंचा AQI लेवल 

श्रीगंगानगर न्यूज़  डेस्क - राजस्थान के श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ को दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल किया गया है। ईंट भट्टों और पराली जलाने की वजह से नवंबर में यहां विश्व वायु गुणवत्ता (AQI) का स्तर 417 तक पहुंच गया। यह दिल्ली के बाद देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया। स्विस कंपनी IQAir की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 में ये चिंताजनक तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में PM2.5 का स्तर 2023 में 54.4 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से घटकर 2024 में 50.6 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रह गया है। 

श्रीगंगानगर में प्रदूषण का मुख्य कारण 600 से ज्यादा ईंट भट्टे हैं। इसके अलावा अक्टूबर-नवंबर में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की वजह से वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। नवंबर में श्रीगंगानगर का AQI स्तर 417 तक पहुंच गया। यह दिल्ली के बाद देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया। भारत के 35% शहरों में सालाना PM2.5 का स्तर WHO की सीमा से 10 गुना अधिक है। PM2.5 कण 2.5 माइक्रोन से छोटे होते हैं। ये कण फेफड़ों और रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं। वायु प्रदूषण के कारण एलर्जी और अस्थमा जैसी बीमारियां आम हो गई हैं। श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ में यह समस्या लगातार बढ़ रही है। प्रदूषण के कारण रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है। इससे हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। यहां धूम्रपान से पीड़ित लोगों की संख्या भी अधिक है, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है।

ईंट भट्टे नियमों के अनुसार नहीं
श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में 600 से अधिक ईंट भट्टे हैं। नियमों के अनुसार चिमनी के नीचे पानी की टंकी और जिगजैग बनाने का प्रावधान है। ताकि इससे निकलने वाले हानिकारक धुएं को कुछ हद तक रोका जा सके, लेकिन दोनों जिलों के ईंट भट्टों पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। भट्टों की चिमनियों से निकलने वाला धुआं पर्यावरण प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है।

धान की पराली जलाना
श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ दोनों जिलों में करीब 55 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुआई होती है। अक्टूबर-नवंबर में किसान खेतों में धान की पराली जलाते हैं। इसके कारण नवंबर में श्रीगंगानगर का एक्यूआई 417 तक पहुंच गया। इसके अलावा वाहनों से निकलने वाला धुआं और कीटनाशकों का छिड़काव भी इसका कारण है।

हवा में बना स्मॉग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
श्रीगंगानगर जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. दीपक मोंगा ने बताया कि हवा में स्मॉग बनता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह स्मॉग हमारी सांस के साथ हमारे शरीर में प्रवेश करता है। इसके कारण खांसी होती है, सांस संबंधी बीमारी और अस्थमा जैसी बीमारियां होती हैं। स्मॉग के कारण आंखों में जलन भी होती है। स्मॉग हमारी त्वचा के लिए भी हानिकारक है, जिसके कारण खुजली जैसी बीमारियां होती हैं। इसमें कार्बन भी होता है, जो सांस के जरिए फेफड़ों में प्रवेश कर नुकसान पहुंचाता है।

ईंट भट्टों को लेकर प्रशासन सख्त हो
हनुमानगढ़ एडवोकेट करणी सिंह शेखावत ने कहा कि आज देश में प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गई है। श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ ने प्रदूषण में अहम योगदान दिया है। प्रशासन के साथ-साथ आम जनता को भी प्रदूषण की चिंता करने की जरूरत है। प्रशासन ईंट भट्टों और पराली जलाने को लेकर सख्त है, लेकिन प्रशासन को इसके लिए उचित व्यवस्था भी करनी चाहिए। ईंट भट्टे भी कुकुरमुत्तों की तरह उग रहे हैं, प्रशासन को इनके प्रति भी सख्त होना चाहिए।