बदलने के बाद माउंट आबू का नया नाम क्या होगा ? राज्य मंत्री ने मुख्यमंत्री भजनलाल से किया नाम बदलने का अनुरोध
सिरोही न्यूज़ डेस्क - राजस्थान में माउंट आबू विश्व प्रसिद्ध है। माउंट आबू का इतिहास पुराना है। माउंट आबू को कई अन्य नामों से जाना जाता है, जैसे इसे राजस्थान का कश्मीर भी कहा जाता है। जबकि इसे छोटी काशी का नाम भी दिया गया है। लेकिन यहां माउंट आबू का नाम बदलने की मांग लंबे समय से की जा रही है। साधु-संत पहले भी इसका नाम बदलने की मांग करते रहे हैं। अब राज्य मंत्री ओटाराम देवासी और आबू विधायक समाराम गरासिया ने भी माउंट आबू का नाम बदलने की मांग उठाई है। इसके लिए उन्होंने सीएम भजनलाल शर्मा को पत्र भी लिखा है।
माउंट आबू के नाम की बात करें तो कहा जाता है कि आबू नाम हिमालय के पुत्र अर्बुदा के नाम पर पड़ा था। पौराणिक मान्यता में माउंट आबू का नाम अर्बुदा पर्वत से लिया गया है, जिसे हिमालय का छोटा पुत्र कहा जाता है। एक मान्यता यह भी है कि माउंट आबू को मूल रूप से अर्बुदांचल कहा जाता था, जिसका नाम अर्बुदा देवी के नाम पर पड़ा। 1,220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है। जो विश्व प्रसिद्ध है, यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, हरी-भरी पहाड़ियों, शांत झीलों, सुंदर मंदिरों और कई धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है।
माउंट आबू का नाम बदलकर आबू राज रखने की मांग
ओटाराम देवासी ने अपने पत्र में लिखा है कि सिरोही स्थित माउंट आबू प्राचीन काल से सनातन धर्म की आस्था का केंद्र रहा है। यहां आज भी ऐतिहासिक प्राचीन मंदिर स्थित हैं। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सत्ताधारी सरकार ने इसका नाम आबू राज तीर्थ से बदलकर माउंट आबू कर दिया था। आबू राज तीर्थ में 33 करोड़ देवी-देवता निवास करते हैं और इसे आबू राज तीर्थ के नाम से जाना जाता था। इसलिए इसका नाम आबू राज रखा जाना चाहिए।
मांस और शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाए
ओटाराम देवासी ने सीएम से यह भी मांग की है कि वर्तमान में माउंट आबू में खुले में मीट की दुकानों में मांस की बिक्री और खुले स्थानों पर शराब पीने से यहां श्रद्धालुओं को धार्मिक ठेस पहुंचती है। ऐसे में खुले में मांस की बिक्री और खुले में शराब पीने पर रोक लगाकर इसका नाम माउंट आबू से बदलकर आबू राज रखा जाना चाहिए।
