'मिनी ब्राजील' के नाम से मशहूर राजस्थान का यह गांव, कारण जानकर आपके भी उड़ जाएंगे होश

सिरोही न्यूज़ डेस्क - वैसे तो ब्राजील फुटबॉल के प्रति अपने जुनून के लिए दुनिया में अलग पहचान रखता है। लेकिन सिरोही जिले में एक ऐसा गांव है, जिसे मिनी ब्राजील के नाम से जाना जाता है। इसके पीछे वजह यहां से निकलने वाले राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय फुटबॉल खिलाड़ी हैं। जिले के अरावली पहाड़ियों की गोद में बसे छोटे से गांव उरवारिया से सबसे ज्यादा फुटबॉल खिलाड़ी चुने गए हैं। गांव के कई खिलाड़ी राज्य स्तर पर जिले का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वहीं, कुछ खिलाड़ी नेशनल भी खेल चुके हैं।
उरवारिया में वर्ष 2004 में शारीरिक शिक्षक रतन सिंह कुंपावत के आने के बाद फुटबॉल की शुरुआत हुई। उस समय यह उच्च प्राथमिक विद्यालय था। वर्ष 2007 में पहली बार टीम अंडर-14 में उस समय फुटबॉल में अपराजित रही माउंट आबू की टीम को हराकर विजेता बनी थी। इस टीम ने बांसवाड़ा में सिरोही का प्रतिनिधित्व किया था। कोरोना काल के बाद वर्ष 2021 से लगातार कई बार उरवारिया चैंपियन बन रहा है।
राज्य स्तर पर कई पदक जीते
इसके साथ ही वर्ष 2023 में 17-19 वर्ष वर्ग में कुल चार टीमों ने भाग लिया तथा 11 बालक व 11 बालिका वर्ग में क्रमश: भाग लिया। इसमें चारों टीमें विजेता रहीं। इस वर्ष भी दो टीमों ने भाग लिया तथा दोनों टीमें पूरी प्रतियोगिता में जिले में चैंपियन रही हैं। दोनों टीमों के 14 खिलाड़ी राज्य स्तर पर खेल चुके हैं। इस वर्ष उरवारिया ने 19 वर्ग में चैंपियन बनकर सीकर में राज्य स्तर पर जिले का प्रतिनिधित्व किया। इस प्रतियोगिता में सिरोही ने सुपर-8 में प्रवेश कर छठा स्थान प्राप्त किया। कोच ने बताया कि इस बार भी कोई खिलाड़ी नेशनल की चयन सूची में आ सकता है।
नेशनल टॉप स्कोरर रह चुके हैं मुकेश चौधरी
उदवारिया निवासी मुकेश चौधरी राजस्थान लीग में टॉप स्कोरर रहे। राजस्थान में हर साल आयोजित होने वाली आर-लीग डी-वुमेन में उडवारिया की राष्ट्रीय खिलाड़ी मुकेश टॉप स्कोरर रही। उडवारिया के पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी भावेश चौधरी भी रामप्लान लीग में सनराइज फुटबॉल क्लब की ओर से खेलते हैं। इसमें सिरोही के कई खिलाड़ियों को आर-लीग में खेलने का मौका मिल चुका है। मुकेश चौधरी का खेल कोटे से पुलिस भर्ती में सीधा चयन हुआ था, लेकिन फुटबॉल में करियर बनाने के लिए उन्होंने नौकरी ज्वाइन नहीं की।
गांव में बनाया फुटबॉल सर्किल
ग्रामीणों में फुटबॉल के प्रति इतना प्रेम है कि गुरु दक्षिणा के तौर पर पंचायत की ओर से उडवारिया स्कूल के सामने करीब 100 किलो ग्रेनाइट की फुटबॉल बनाकर फुटबॉल सर्किल बनाया गया है, ताकि गांव के युवाओं को फुटबॉल के प्रति प्रेरित किया जा सके। उडवारिया स्कूल के ज्यादातर खिलाड़ी गरीब परिवारों से हैं। ऐसे में गांव के दानी सज्जन उनकी खेल किट, समूह मोजा आदि के लिए और राज्य स्तर पर खेलने जाने के लिए पैसे एकत्रित कर मदद करते हैं।