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सिर्फ सजावट ही नहीं सेहत का खजाना है ये फूल! मोटापा घटाने से लेकर सूजन तक, जानें इसके चमत्कारी फायदे

 
सिर्फ सजावट ही नहीं सेहत का खजाना है ये फूल! मोटापा घटाने से लेकर सूजन तक, जानें इसके चमत्कारी फायदे

सिरोही जिले के माउंट आबू वन्यजीव क्षेत्र में झाड़ियों की कई दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से एक है परिभद्र या भारतीय मूंगा वृक्ष। इस वृक्ष को अंग्रेजी में इंडियन कोरल ट्री के नाम से जाना जाता है। इन दिनों माउंट आबू-आबूरोड मार्ग और माउंट आबू से गुरुशिखर जाने वाले मार्ग के आसपास के पेड़ों पर ये फूल बड़ी संख्या में नजर आ रहे हैं। खूबसूरत दिखने वाला यह वृक्ष अपने आयुर्वेदिक गुणों के कारण बेहद लाभकारी है। इसका प्रयोग प्राचीन काल के साथ-साथ आज के व्यवहार में भी आयुर्वेदिक आचार्यों द्वारा किया जाता है। फूलों के अलावा छाल और पत्तियों का उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों में भी किया जाता है। सेवानिवृत्त सिरोही जिला आयुर्वेद अधिकारी एवं वैद्य डॉ. दामोदर प्रसाद चतुर्वेदी ने इस वृक्ष के आयुर्वेदिक महत्व के बारे में जानकारी दी।

वात कफ दोषों को करेगा दूर
डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि इस वृक्ष पर खिलने वाले लाल फूल, छाल और पत्तियों का आयुर्वेद उपचार में उपयोग किया जाता है। यह वात और कफ दोषों को संतुलित करता है। यह जड़ी-बूटी कफ वात संबंधी विकारों में कारगर है। जब पेस्ट के रूप में बाहरी रूप से उपयोग किया जाता है, तो यह सूजनरोधी, रोगाणुरोधी आदि के रूप में कार्य करता है। यह विशेष रूप से कान पर काम करता है। इसके वात-शामक प्रभाव के कारण, यह सिरदर्द निवारक के रूप में कार्य करता है।

नींद की समस्याओं पर जड़ी बूटी प्रभावी है
यह जड़ी बूटी उन लोगों के लिए भी बहुत फायदेमंद है जिन्हें नींद न आने की समस्या है। यह जड़ी बूटी पाचन तंत्र में भी बहुत उपयोगी है। अपने उष्ण गुणों के कारण, यह भूख बढ़ाने वाला, पाचन अग्नि बढ़ाने वाला, वात निवारण के लिए अच्छा और कृमि संक्रमण के खिलाफ काम करता है। अपने उष्ण गुणों के कारण, यह मूत्र अवरोध के खिलाफ सहायक है। यह शरीर से मोटापा कम करने में भी मदद करता है।