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Sirohi कल से शुरू शारदीय नवरात्र, पालकी पर सवार होकर आएंगी मां

 
Sirohi कल से शुरू शारदीय नवरात्र, पालकी पर सवार होकर आएंगी मां
सिरोही न्यूज़ डेस्क, सिरोही शारदीय नवरात्र 3 अक्टूबर गुरुवार को घटस्थापना के साथ प्रारंभ होंगे। नवरात्रा महोत्सव को धूमधाम से मनाया जाएगा। आचार्य महिपाल दवे ने बताया इर इस बार मां दुर्गा का आगमन पालकी (डोली) पर होगा। मां दुर्गा हर बार अलग-अलग सवारी पर सवार होकर आती हैं। आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा घट-स्थापना का शुभ मुहुर्त गुरुवार प्रात: 6.35 से 8.03 तक शुभ वेला, दोपहर 12.03 से 12.50 तक अभिजित वेला तथा 4.50 से 6.23 सायं गोधुली वेला में करना श्रेष्ठ रहेगा।

डांडिया-गरबा महोत्सव व दुर्गा पूजा की तैयारियों में जुटे भक्त

नवरात्र महोत्सव शुरू होने में 1 दिन का समय बाकी है। ऐसे में शक्ति की आराधना के लिए भक्त तैयारी में लग गए है। मां दुर्गा की विभिन्न स्वरूपों वाली प्रतिमाओं से बाजार सजने लग गए है। कलाकार भी मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। मंदिर व पंडालों में नौ दिन चलने वाले नवरात्र महोत्सव के लिए कमेटियों की बैठकें होने लगी हैं। उधर, युवाओं और बच्चे भी गरबा डांडिया के स्टेप्स की रिहर्सल कर रहे हैं। शहर में कई स्थानों पर महोत्सव आयोजित किए जाएंगे। 10 से अधिक सार्वजनिक पंडालों गरबा खेला जाएगा।

शारदीय नवरात्रि कब से कब तक

शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से आरंभ होगी तथा 12 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी। जबकि 13 अक्टूबर को दशहरा तथा मां दुर्गा का विर्सजन किया जाएगा। 3 अक्टूबर को घट स्थापना के साथ प्रथम भगवती स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी।नवरात्रि में मां दुर्गा किस वाहन पर सवार होकर आएगी, यह इस पर निर्भर करता है कि नवरात्रि का शुभारंभ किस दिन से हो रहा है। मंगलवार और शनिवार को नवरात्रि का आरंभ होता है तो मां दुर्गा की सवारी अश्व यानी कि घोड़ा मानी जाती है। यदि नवरात्रि गुरुवार और शुक्रवार को आरंभ होती है तो मां दुर्गा की सवारी डोली व पालकी मानी जाती है। यदि मां दुर्गा रविवार और सोमवार को आती हैं तो उनकी सवारी हाथी होती है।

नौ दिन इन देवियों का पूजन होता है

प्रथम दिन- शैलपुत्री माता

द्वितीय दिन- ब्रह्मचारिणी माता

तृतीय दिन- चन्द्र घण्टेती माता

चतुर्थ दिन- कूष्माण्डा माता

पंचम दिन- स्कंद माता

षष्ठ दिन- कात्यायनी माता

सप्त दिन-कालरात्रि माता

अष्ट दिन-महागौरी माता

नव दिन-सिद्धिदात्री माता