Sirohi मेडिटेशन हीलिंग एनर्जी से जल्दी ठीक होंगे मरीज
चिकित्सा प्रभाग अध्यक्ष डॉ. प्रताप मिढ्ढा ने कहा कि एक चिकित्सक का दायित्व समाज के अन्य वर्गों की अपेक्षा अधिक होता है। चिकित्सक के लिए जरूरी है कि वह अपना व्यवहार संयमित व आदर्शवान रखें। आध्यात्मिक ज्ञान, राजयोग ध्यान की पद्धति का निरंतर अभ्यास करने से कार्यक्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना करने की क्षमता विकसित होती है।
तनाव से मुक्ति के लिए संजीवनी बूटी है राजयोग
प्रभाग सचिव बीके डॉ. बनारसी लाल ने कहा कि तनाव भरे जीवन में राजयोग संजीवनी बूटी के समान कार्य करता है। आध्यात्मिक ज्ञान, राजयोग समय की जरूरत है। ग्लोबल अस्पताल की मुख्य परिचारिका बीके रूपा उपाध्याय ने कहा कि सेल्फ मैनेजमेंट ही सफलता की पहली सीढ़ी है। जीवन में सबसे जरूरी है खुद का प्रबंधन करना। सेल्फ मैनेजमेंट सीखने के बाद व्यर्थ के तनाव, चिंता से मुक्त रहना सीख जाते हैं। तीन दिन तक चले चिकित्सा सम्मेलन में भारत व नेपाल से आए चिकित्सकों ने विभिन्न सत्रों के माध्यम से हुए संवाद, ध्यान, योग, मेडिटेशन में अपने अनुभवों को साझा करते हुए राजयोग को जीवनशैली का अभिन्न अंग बनाए जाने पर बल दिया।