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Sirohi यह कैसी व्यवस्था, टोल प्रबंधन अब तक पशु एंबुलेंस का संचालन शुरू नहीं कर पाया

 
Sirohi यह कैसी व्यवस्था, टोल प्रबंधन अब तक पशु एंबुलेंस का संचालन शुरू नहीं कर पाया
सिरोही न्यूज़ डेस्क, सिरोही राजमार्ग पर दुर्घटना में घायल होने वाले पशुओं का समय पर उपचार हो सके और वे अकाल मौत का शिकार नहीं हो इसके लिए गोसेवकों के लंबे संघर्ष के बाद विधायक कोष से पशु एम्बुलेंस तो उपलब्ध हो गई। यह एम्बुलेंस संचालन के लिए टोल प्रबंधन के पास भी पहुंच गई है। मगर एक माह बाद भी टोल प्रबंधन ने इस एम्बुलेंस का संचालन नहीं किया। ऐसे में अब गोसेवकों का धैर्य भी जवाब देने लग गया है। गौरतलब है कि राजमार्ग पर घटित होने वाली दुर्घटनाओं में आए दिन पशुओं के घायल होने व उनकी अकाल मौत होने की जानकारी मिलती रहती है। इन पशुओं को अकाल मौत से बचाने के लिए पिछले नौ वर्ष से पालडी एम की गोसेवी संस्था ओम गजानंद मंडल के कार्यकर्ता कार्य कर रहे है। जहां भी दुर्घटना की जानकारी मिलती है।

ये गोसेवक तत्काल ही किराये का वाहन लेकर मौके पर पहुंचते है और घायल पशु को वाहन में डालकर पशु चिकित्सालय ले जाकर उपचार करवाते है। ये गोसेवक पिछले करीब आठ साल से पशु एम्बुलेंस संचालन की मांग करते रहे है। इसके लिए इन गोसेवकों की ओर से मंत्री से लेकर अधिकारियों तक पत्र व्यवहार किया गया। इसके लिए धरना प्रदर्शन भी किए मगर सफलता नहीं मिली। आखिरकार इन गोसेवकों की मांग को पूरा करते हुए पूर्व विधायक संयम लोढा ने विधायक कोष से पशु एम्बुलेंस के लिए राशि स्वीकृत की। इसके एक साल बाद आखिरकार पशु एम्बुलेंस तैयार हो गई और पशुपालन विभाग ने रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूर्ण कर एम्बुलेंस को संचालन के लिए टोल प्रबंधन को सुपुर्द कर दिया।

टोल प्रबंधन को करना है एम्बुलेंस का संचालन

जिस समय इस पशु एम्बुलेंस की स्वीकृति मिली उससे पहले उथमण टोल प्रबंधन एवं प्रशासन के बीच एक एमओयू साइन किया गया था। जिसमें पशु एम्बुलेंस का संचालन एवं रखरखाव सहित कार्मिकों की व्यवस्था करना टोल प्रबंधन के जिम्मे था। इसी के चलते पशुपालन विभाग ने एम्बुलेंस तैयार करवाने के बाद टोल प्रबंधन को सुपुर्द कर दी।हमने पशु एम्बुलेंस की सारी प्रक्रिया पूर्ण कर एमओयू के आधार पर एम्बुलेंस टोल प्रबंधन को सुपुर्द कर दी है। जहां तक तकनीकी कर्मचारी का सवाल है यदि टोल प्रबंधन हमसे मदद मांगता है तो हम तैयार है। पशु एम्बुलेंस के संचालन के लिए तकनीकी कार्मिकों की व्यवस्था नहीं होने की वजह से एम्बुलेंस का संचालन नहीं हो सका है। सरकारी मापदंड के अनुसार कार्मिकों की उपलब्धता होने पर संचालन होगा।