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किसानों के लिए खुशखबरी! पंजीकृत गोदामों में फसल रखने पर मिलेगा लोन, यहां विस्तार से जाने पूरी प्रक्रिया

 
किसानों के लिए खुशखबरी! पंजीकृत गोदामों में फसल रखने पर मिलेगा लोन, यहां विस्तार से जाने पूरी प्रक्रिया

सिरोही न्यूज़ डेस्क - किसानों को अपनी उपज के भंडारण के लिए प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक विशेष ऋण योजना शुरू की गई है। इससे किसान पंजीकृत गोदामों में उपज का भंडारण करके ऋण प्राप्त कर सकते हैं। वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) पंजीकृत गोदामों में फसल भंडारण को बढ़ावा दे रही है। ताकि वे सुरक्षित भंडारण और वैज्ञानिक तरीकों का लाभ उठा सकें। इससे बेहतर बाजार मूल्य, भंडारण सुरक्षा और संग्रहीत उपज पर ऋण सुविधा मिलेगी।WDRA सुरक्षित और संरक्षित भंडारण सेवाओं के लिए कुशल और वैज्ञानिक गोदामों को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है। संस्थान द्वारा केवल उन गोदामों को पंजीकृत किया जाता है जो न्यूनतम बुनियादी ढांचे को पूरा करते हैं और निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करते हैं।

ये हैं क्रेडिट गारंटी योजनाएं
इस योजना में सिक्योरिटी लोन सुविधा यानी प्रतिभूतियों के बदले लोन दिया जाता है। इसमें कृषि उद्देश्य के लिए 75 लाख रुपये तक का लोन और गैर-कृषि उद्देश्य के लिए 2 करोड़ रुपये तक का लोन दिया जाता है। इसमें सभी अनुसूचित बैंक और सभी सहकारी बैंक पात्र संस्थाओं के रूप में शामिल हैं। इसमें सभी छोटे और सीमांत किसान, महिलाएं, एससी, एसटी पीडब्ल्यूडी (दिव्यांग) किसान, एमएसएमई, व्यापारी, एफपीओ और किसान सहकारी समितियां पात्र उधारकर्ता हैं। इसमें ऋण और गोदाम प्रबंधन जोखिम को कवर किया गया है। गारंटी शुल्क किसानों के लिए 0.4 प्रतिशत प्रति वर्ष और गैर-किसानों के लिए 1 प्रतिशत प्रति वर्ष निर्धारित है।

इससे बिचौलियों पर निर्भरता कम होगी
इसमें विभिन्न जोखिमों के लिए गोदामों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए संग्रहीत माल का अनिवार्य बीमा, धोखाधड़ी आदि से बचाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रसीद (ENWR) जारी करने का प्रावधान है। किसानों और जमाकर्ताओं की ओर से ENWR का उपयोग करके बैंकों से सुरक्षा ऋण प्राप्त करने की सुविधा भी प्रदान की गई है। इसके साथ ही, कृषि वस्तुओं के वैज्ञानिक भंडारण पर किसानों को मुफ्त प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य किसानों को बिचौलियों पर निर्भरता से मुक्त करना और बाजार तक सीधी पहुंच बढ़ाना है। ताकि उनकी आय बढ़े और कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार सुनिश्चित हो सकें।