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रेलवे में भ्रष्टाचार! आबूरोड स्टेशन पर करोड़ों रूपए के घोटाले में 6 कर्मचारी सस्पेंड, यहां विस्तार से जाने क्या है पूरा मामला ?

 
रेलवे में भ्रष्टाचार! आबूरोड स्टेशन पर करोड़ों रूपए के घोटाले में 6 कर्मचारी सस्पेंड, यहां विस्तार से जाने क्या है पूरा मामला ? 

सिरोही न्यूज़ डेस्क - राजस्थान के सिरोही जिले के आबूरोड रेलवे स्टेशन पर स्थित फूड कैटरिंग स्टॉल्स की फीस जमा करने के लिए बैंक द्वारा जारी किए गए डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) में छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। इसके जरिए उत्तर-पश्चिम रेलवे प्रबंधन को 1 करोड़ 18 लाख 35 हजार 239 रुपए की चपत लगाकर यह राशि हड़प ली गई है। रेलवे के अजमेर मंडल कार्यालय के एसीएम लालचंद ने रेलवे स्टेशन पर स्थित इन फूड कैटरिंग स्टॉल्स की तीन फर्मों के खिलाफ आबूरोड जीआरपी थाने में मामला दर्ज कराया है।

मिलीभगत हुई तो रेलवे कर्मचारियों पर भी होगी कार्रवाई
इसके साथ ही इसमें रेलवे अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत होने के संदेह के चलते रेलवे ने 6 रेलवे कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। एसीएम की रिपोर्ट पर जीआरपी पुलिस ने मैसर्स साईं इंटरप्राइजेज, मैसर्स यूएसबी कॉरपोरेशन व मैसर्स साईं बालाजी फर्म के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जीआरपी थाने के एसएचओ मनोज कुमार ने बताया कि जांच में यदि रेलवे अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आती है तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

क्या है पूरा मामला
आबूरोड जीआरपी एसएचओ मनोज कुमार ने बताया कि फर्जी डीडी बनाने वाली तीनों फर्मों ने रेलवे द्वारा फूड स्टॉल के लिए 18 जनवरी 2023 से 17 अगस्त 2024 तक की अवधि के लिए निर्धारित शुल्क जमा करवाने के लिए बैंक से डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) जारी करवाए, फिर इन डीडी में कटौती कर दी। तीनों फर्मों की बैंक द्वारा जारी मूल डीडी को रेलवे थानाधिकारी कार्यालय में जमा करवाने की बजाय काटी गई डीडी की फोटोकॉपी प्रस्तुत की गई, जो रेलवे अधिकारियों के अनुसार भी गलत है। इनमें 1,18,35,239 रुपए की बड़ी राशि का गबन किया गया।

6 कर्मचारी निलंबित
6 रेल कर्मियों के निलंबन की जानकारी रेलवे अधिकारी नहीं दे रहे हैं। जवाबइतने बड़े गबन के बाद रेलवे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे स्टेशन से लेकर मंडल स्तर तक के करीब 6 रेलवे कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। जीआरपी थानाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि मिलीभगत थी या नहीं, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा। जांच में अगर रेलवे कर्मचारी दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।