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बंदरों में फैल रही ये खतरनाक बीमारी, स्वास्थ्य विभाग भी चकराया, जानें

 
बंदरों में फैल रही ये खतरनाक बीमारी, स्वास्थ्य विभाग भी चकराया, जानें 

सीकर न्यूज़ डेस्क,  राजस्थान के सीकर में हर्ष की पहाड़ी पर रहने वाले बंदरों में चर्म रोग की बीमारी फैली हुई है. वन विभाग की टीम और पशु चिकित्सक ने बंदरों को रेस्क्यू करके इलाज कर रहे हैं. बड़ा तालाब के पास वन विभाग के नर्सरी में पशु अस्पताल के डॉक्टर बंदरों क इलाज कर रहे हैं.

मीठा पदार्थ खाने से बंदरों को हुई बीमारी

पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद जोशी ने बताया कि हाइपर केरोटोसिस नामक बीमारी से काले मुंह के बंदर चपेट में आ रहे हैं. बंदरों को मीठा पदार्थ खिलाने से ये बीमारी होती है. चिकित्सकों का मानना है कि बंदरों में फैलने वाली इस तरह की बीमारी से आमजन को नुकसान होने की संभावना काफी कम होती है. पहले भी कई बार बंदरों में इस तरह की बीमारी फैल चुकी है लेकिन समय रहते इसका इलाज किया गया. 

शरीर के अंग सड़कर नीचे गिर रहे हैं

बंदरों में चर्म रोग होने से हाथ-पैरों से खून निकलने लगता है. उंगलियां सड़ जाती हैं, जिसके बाद शरीर के अंग नीचे गिरने लगते हैं. सीकर में हर्ष पर्वत पर काफी बंदरों में यह बीमारी देखने को मिली है. इसके बाद रोग ग्रस्त बंदरों को इलाज के लिए रेस्क्यू सेंटर ले जाया गया.  

15 दिनों तक बंदरों को रेस्क्यू सेंटर में रखा जाएगा 

डॉ. अरविंद जोशी के अनुसार बंदरों को 15 दिनों तक रेस्क्यू सेंटर में रखा जाएगा. वहां पर बंदरों का इलाज होगा. बंदरों के इलाज के लिए पशु चिकित्सा अधिकारियों, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, सहायक स्टाफ को नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही हर्ष पहाड़ी पर लोगों से भी अपील की जा रही है कि बंदरों को मीठे पदार्थ और चीजे खाने के लिए  नहीं दें. 

22 बंदरों को रेस्क्यू किया गया  

हर्ष पहाड़ी में रहने वाले बंदरों में फैल रहे चर्म रोग के उपचार के लिए वन विभाग की टीम ने को 22 बंदरों को रेस्क्यू कर उपचार करवाया. रेंजर अमित देवंदा की टीम ने पहाड़ी से बंदरों का रेस्क्यू किया. देवीपुरा नर्सरी पहुंचाया. डॉक्टरों की टीम बंदरों का इलाज कर रही है. बंदरों को इलाज के लिए 15 दिन तक नर्सरी में रही रखा जाएगा. 

पिछले डेढ़ साल से हर्ष पवर्त पर रहने वाले बंदरों में बीमारी फैली

सामाजिक संगठन के पदाधिकारी रमाकांत तिवाड़ी ने बताया कि पिछले करीब डेढ़ साल से हर्ष पर्वत पर रहने वाले बंदरों में खुजली जैसी बीमारी लगातार फैलती जा रही है. इस बीमारी से बंदरों के हाथ पैर से खून निकलना और उसके बाद हाथ पैर गलने लग जाते हैं. बीमारी ज्यादा फैलने पर हाथ पैर गलने से अपने आप ही टूट कर गिर जाते हैं.  वही इस बीमारी से कई बंदरों की मौत भी हो चुकी है.