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Sikar पुलिस ने हनीट्रैप गिरोह के 7 आरोपियों को किया गिरफ्तार

 
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सीकर न्यूज़ डेस्क, सीकर पुलिस ने हनीट्रैप गिरोह के 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी रिश्तेदार और परिचित हैं। पुलिस ने एक कांस्टेबल को बोगस ग्राहक बनाकर भेजा था। इसके बाद युवतियां तो पकड़ ली गईं लेकिन बाकी भाग गईं। सूचना मिली कि ये सभी रींगस के पास जालपाली के आसपास घूम रहे हैं, जिसके बाद इन्हें पकड़ लिया गया। वारदात के दौरान इस्तेमाल की गई गाड़ी भी बरामद कर ली गई है। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। जिला एसपी भुवन भूषण यादव ने मंगलवार को पूरे मामले का खुलासा किया है।

मामले के अनुसार 1 सितंबर को मुंडवाड़ा निवासी बरकत अली ने सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया कि 31 अगस्त को उसे सांवली सर्किल पर दो युवतियां मिलीं। दोनों ने लिफ्ट मांगी। इस पर मदद के तौर पर उसने दोनों युवतियों को अपनी कार में बैठा लिया। इसके बाद दोनों ने एक कार किराए पर ली। कार को कुंडलपुर की तरफ ले जाने को कहा। जैसे ही कार आगे बढ़ी तो दोनों युवतियों के पांच पुरुष और एक अन्य महिला साथी आए। सभी ने उसके साथ मारपीट की और उसे दूसरी कार में डालकर कोछोर होते हुए खंडेला के धरमपुरा गांव ले गए। इसके बाद बदमाशों ने कार के कागजात व अन्य कागजात छीन लिए।

गिरोह से जुड़े लोगों ने बरकत से 10 लाख रुपए मांगे। रुपए नहीं देने पर दुष्कर्म के केस में फंसाने की धमकी दी और जान से मारने की धमकी भी दी। डराने-धमकाने के बाद बरकत ने 26 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद बदमाशों ने बरकत की कार खराब होने पर खंडेला के पास छोड़ दी। इस मामले में पुलिस के पास कोई सुराग नहीं था, जिससे पुलिस सीधे आरोपियों तक पहुंच सके। ऐसे में पुलिस ने ह्यूमन इंटेलिजेंस के जरिए और परिवादी के मोबाइल नंबरों के आधार पर एक आरोपी की पहचान की। फिर थाने के कांस्टेबल बाबूलाल को बोगस ग्राहक बनाया गया। कांस्टेबल बाबूलाल का नंबर पहचाने गए बदमाश ने गिरोह की महिला को दे दिया।