Sikar दो मासूम बेटियों के सिर से उठा पिता का साया
सीकर न्यूज़ डेस्क, फिर एक लापरवाही...फिर एक मौत! और हर बार की तरह इस बार भी जिम्मेदार नगर परिषद प्रशासन! अक्सर बारिश का दंश सहने वाले शहर के लोगों को नगर परिषद प्रशासन ने एक ओर दर्द दे दिया! दर्द...सड़क पर पेचवर्क के बाद बीच रास्ते में छोड़ा गया सीमेंटेड ब्लॉक, जिससे टकराकर बाइक सवार युवक की मौत हो गई। मृत्यु...अटल नियति है...लेकिन सरकारी कारिंदों की लापरवाही से हुई इस मौत को सामान्य नहीं कहा जा सकता। यह आपराधिक मामला बनता है। सीकर नगर परिषद का निजाम बरसों से शहर में जलभराव की स्थिति को बदल नहीं पाया है। शहर का कोई इलाका ऐसा नहीं जहां थोड़ी बहुत बारिश के बाद ही पानी नहीं भरता हो। इस पर सड़कों के गड्ढ़े अब जानलेवा बनते जा रहे है। ये ही छोटी-छोटी लापरवाहियां किसी की मौत की वजह बन जाती है। पिछले बरस एक कोचिंग छात्र की सड़क पर बने पानी से भरे गड्ढ़े में डूबने से अकाल मौत हो गई थी। इसको लेकर सीकर बंद भी रहा था। इसके साथ ही शहर की सड़कों पर विचरण करते आवारा पशु भी समस्या को बढ़ाने काम करते हैं। इससे पहले आवारा सांड ने एक युवक की जान ली थी।
आज फिर बाइक सवार अमित की मौत! इन सभी मौतों के लिए जिम्मेदार नगर परिषद आयुक्त... सभापति... प्रशासनिक अमला बेफिक्र बने बैठे हैं। शहर के हाकिम जिला कलक्टर न इस ओर ध्यान दे रहे और न ही राजनीतिज्ञ। अमित की मौत के लिए उसके परिजनों ने नगर परिषद प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। आयुक्त व सभापति के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई है। जरूरत इस बात की है कि शासन प्रशासन अपने कर्तव्य का पालन निष्ठा से करे। नगर परिषद सभापति, आयुक्त व जिला कलक्टर खुद निकले शहर में और सड़कों के हालात देखें। इसके बाद एक्सीडेंटल प्वाइंट चिंह्नित कर उनमें सुधार करवाएं। तभी इन लापरवाही जनित मौतों पर अंकुश लग पाएगा।