सीकर भाजपा के नेताओं का सरेआम सामने आया आंतरिक घमासान, लड़ाई के बाद जिलाध्यक्ष के पदभार कार्यक्रम में नहीं पहुंचे ये बड़े नेता

सीकर न्यूज़ डेस्क, विधानसभा और लोकसभा चुनाव में उम्मीदों के हिसाब से आलाकमान को परिणाम नहीं देने वाली सीकर भाजपा अब भी एकजुट नहीं हो पा रही है। जिलाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर शुरू हुआ सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा जिलाध्यक्ष के पदभार कार्यक्रम में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा, सैनिक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजौर, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया, धोद विधायक गोरधन वर्मा, खंडेला विधायक सुभाष मील, गजानंद कुमावत सहित कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। सियासी गलियारों में इनकी गैर मौजूदगी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। दरअसल, पिछले दिनों भाजपा के संगठन उत्सव में कई दिग्गज तत्कालीन जिलाधक्ष डॉ. कमल सिखवाल के कार्यकाल को रिपीट कराना चाहते थे, लेकिन संघ की मुहर पर पार्टी ने मनोज बाटड़ को जिलाध्यक्ष की कमान दे दी। इसके बाद से भाजपा के एक धड़े की लगातार नाराजगी सामने आ रही है। सीकर जिलाध्यक्ष का मामला आलाकमान तक भी पहुंचा है। आलकमान की ओर से ड्रेनेज कन्ट्रोल की तैयारी की जा रही है।
तब निभाई थी सहभागिता, अब दूरी
पिछले लगभग दो साल में तीन जिलाध्यक्षों के पदभार कार्यक्रम हुए। पूर्व जिलाध्यक्ष पवन मोदी के कार्यक्रम में पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़, यूडीएच मंत्री सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने शिकरत की। वहीं पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. कमल सिखवाल के कार्यक्रम में खर्रा, बाजौर व महरिया के साथ अन्य वरिष्ठ नेता व प्रदेश महामंत्री श्रवण बगड़ी आदि भी शामिल हुए, लेकिन बाटड़ के कार्यक्रम से दूरी बनाने को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ आमजनन में अलग-अलग चर्चा है।
सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कार्यकर्ताओं में धड़े
भाजपा जिलाध्यक्ष व उनके कई समर्थकों की ओर से नियुक्ति के बाद सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल की। इसमें कई वरिष्ठ नेताओं के पोस्ट नहीं होने से कार्यकर्ताओं में धड़ेबाजी सामने आई है। वहीं शहर में लगे कई पोस्टरों से दिग्गजों के गायब होने की चर्चाएं हैं।
कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान में नहीं रहेगी कोई कमी: बाटड़
जिलाध्यक्ष मनोज बाटड़ ने कहा कि वह कार्यकर्ताओं के बीच में से ही जिलाध्यक्ष के पद तक पहुंचे है। यह जिला अपने आप में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। राजस्थान के मुख्यमंत्री व उप राष्ट्रपति के पद तक पहुंचे भैंरोसिंह शेखावत भी सीकर जिले से ही थे। प्रथम प्रदेशाध्यक्ष स्व. जगदीश प्रसाद माथुर भी सीकर से ही थे। कहा कि वे संगठन के विस्तार को लेकर जिले के शीर्ष नेताओं सहित पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से लगातार संपर्क में रहेंगे।
भय और मोह में फंसे… इसलिए अंदरखाने सियासत
भाजपा की ओर से संगठन उत्सव में अनुशासनहीनता करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की बात पहले ही कही जा चुकी है। ऐसे में भाजपा के कई दिग्गज खुलकर विरोध नहीं कर रहे हैं। भाजपा की ओर से आगामी समय में राजनैतिक नियुक्ति भी होनी है। इसलिए भी आगामी समीकरणों को देखते हुए कई नेता अंदरखाने की सियासत तक ही डटे हैं।
कार्यक्रम में नहीं आने पर यह बोले दिग्गज…
मुझे कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं: खर्रा
दो दिन पहले सीकर जिलाध्यक्ष से मुलाकात हुई थी, लेकिन कार्यक्रम को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। पदभार कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं थी। इसलिए कार्यक्रम में शरीक नहीं हो सका।
झाबर सिंह खर्रा, यूडीएच मंत्री
कार्यक्रम की सूचना नहीं मिली: बाजौर
सीकर जिलाध्यक्ष के पदभार कार्यक्रम की जानकारी ही नहीं थी। ऐसे में कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सका।
प्रेमसिंह बाजौर, अध्यक्ष, सैनिक कल्याण बोर्ड
जयपुर बैठक में शामिल होने गया था: वर्मा
संगठन की ओर से संविधान गौरव यात्रा के कार्यक्रमों की जिम्मेदारी दी हुई है। इसलिए जयपुर बैठक में शामिल होकर आगामी कार्यक्रमों को लेकर रणनीति तय की। पार्टी पूरी तरह एकजुट है।
गोरधन वर्मा, विधायक, धोद
किसी काम से बाहर था: कुमावत
जयपुर किसी कार्यक्रम में शामिल होने की वजह से जिलाध्यक्ष के पदभार संभालने वाले कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सका।