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Sikar से हुई थी 'शेखावाटी किसान आंदोलन' की शुरुआत

 
Sikar से हुई थी 'शेखावाटी किसान आंदोलन' की शुरुआत

सीकर न्यूज़ डेस्क, शेखावाटी किसान आंदोलन की शुरुआत सीकर किसान आंदोलन से मानी जाती है। 1922 में सीकर ठिकाने के ठिकानेदार माधोसिंह की मृत्यु के बाद उनके भतीजे राव राजा कल्याण सिंह ने गद्दी संभाली और उन्होंने करों  में अत्यधिक वृद्धि कर दी । इसके विरोध में किसानो ने कर देना बंद कर दिया। इस आंदोलन के कुछ अन्य कारण भी माने जाते है। जैसे आकाल के समय लगान में रियायत  नहीं दी जाती थी ,लाटा कुंता प्रथा (लुटेरी व्यवस्था ), असिंचित भूमि पर सिंचित भूमि के सामान टैक्स लिया जाना , जकात कर बढ़ा दिया जाना , किसानो के साथ जातीय भेदभाव किया जाना ,बेगार प्रथा ,आदि।  इस आंदोलन की बागडोर ठाकुर देशराज और रामनारायण चौधरी जो राजस्थान सेवा संघ के  सदस्य भी थे ने संभाली।

रामनारायण चौधरी ने तरुण राजस्थान समाचार पत्र की सहायता से सीकर के किसानो के पक्ष में  प्रभावी वातावरण तैयार किया। इसके अलावा रामनारायण चौधरी ने लंदन के डेली हेराल्ड समाचार पत्र में भी आंदोलन से संबंधित लेख लिखे। भरतपुर के किसान नेता ठाकुर देशराज ने 1931 में राजस्थान जाट महासभा का गठन  किया। इन प्रयासो की वजह पेथिक लॉरेंस ने मई 1925 में हाउस ऑफ़ कॉमन्स  में प्रश्न पूछा था।