Aapka Rajasthan

सीकर में सिर्फ खाटूश्याम नहीं ये 6 छिपे रत्न भी हैं दर्शनीय, वीकेंड ट्रिप पर घूमने का है प्लान तो एकबार जरूर करे विजिट

 
सीकर में सिर्फ खाटूश्याम नहीं ये 6 छिपे रत्न भी हैं दर्शनीय, वीकेंड ट्रिप पर घूमने का है प्लान तो एकबार जरूर करे विजिट 

धार्मिक दृष्टि से सीकर जिला पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां कई धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल हैं। धार्मिक दृष्टि से राजस्थान में सबसे ज्यादा पर्यटक सीकर जिले में आते हैं। सीकर राजस्थान का एक प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जिला है। अगर आप वीकेंड पर सीकर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपको सीकर में घूमने के लिए पांच बेहतरीन जगहों के बारे में बताएंगे।

खाटू श्याम जी

यह मंदिर भगवान श्याम (कृष्ण के अवतार) को समर्पित है। यह मंदिर सीकर जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां लाखों श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन के लिए आते हैं। राजस्थान ही नहीं, बल्कि देश-विदेश से भी श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन के लिए यहां आते हैं।

जीण माता

यह सीकर जिला मुख्यालय से करीब 29 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर शक्ति की देवी जीण माता को समर्पित है और नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। खाटूश्याम जी आने वाले श्रद्धालु जीण माता मंदिर के दर्शन जरूर करते हैं। तीन पहाड़ियों की तलहटी में स्थित यह मंदिर प्राकृतिक सुंदरता का भी आनंद देता है।

फतेहपुर की हवेलियाँ

फतेहपुर में बनी ये हवेलियाँ अपनी खूबसूरत चित्रकारी और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं। ये सीकर के पास हैं और शेखावाटी क्षेत्र की विशिष्ट शैली को प्रदर्शित करती हैं। इन हवेलियों की वास्तुकला की दुनिया भर में सराहना की जाती है, विदेशी पर्यटक भी यहाँ घूमने आते हैं।

लक्ष्मणगढ़ किला
यह किला एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और यहाँ से लक्ष्मणगढ़ का पूरा शहर देखा जा सकता है। यह किला अपनी वास्तुकला और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। सीकर के राजा लक्ष्मण सिंह ने 19वीं शताब्दी की शुरुआत में कान सिंह सलेधी द्वारा समृद्ध शहर की घेराबंदी के बाद किले का निर्माण कराया था। लक्ष्मणगढ़ किला पूरी दुनिया में किले की वास्तुकला का एक अनूठा उदाहरण है, क्योंकि यह संरचना विशाल चट्टानों के बिखरे हुए टुकड़ों पर बनी है।

हर्ष पर्वत
हर्ष पर्वत सीकर जिला मुख्यालय से 14 किमी दूर है। यह पर्वत अपनी ऊँचाई और शिखर पर बने भगवान शिव और भैरव नाथ के मंदिर के कारण पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। हर्ष पर्वत की ऊँचाई लगभग 3100 फीट है। इसे माउंट आबू के बाद राज्य का दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत माना जाता है। यहां 1018 में चौहान राजा सिंह राज ने हर्ष नगरी और हर्षनाथ मंदिर की स्थापना की थी। इस स्थान को राजस्थान का केदारनाथ भी कहा जाता है।