सीकर जिले में गहन पुनरीक्षण के बाद 1.43 लाख से अधिक ASD वोटर्स के नाम ड्राफ्ट सूची से हटाए गए
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से कराए गए विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य (SIR) के तहत मंगलवार को एएसडी (एब्सेंट, शिफ्टेड और डेड) मतदाताओं की ड्राफ्ट सूची जारी कर दी गई है। इस ड्राफ्ट के अनुसार सीकर जिले की आठ विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1 लाख 43 हजार 850 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं। इस कार्रवाई के बाद जिले में मतदाता सूची को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
जिला निर्वाचन शाखा से मिली जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई मतदाता सूची को शुद्ध, अद्यतन और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से की गई है। गहन पुनरीक्षण के दौरान घर-घर जाकर सत्यापन किया गया, जिसमें कई मतदाता अपने पते पर नहीं मिले, कुछ अन्य स्थानों पर शिफ्ट हो चुके थे, जबकि कई मतदाताओं की मृत्यु की पुष्टि हुई। ऐसे सभी मतदाताओं को एएसडी श्रेणी में रखते हुए उनके नाम ड्राफ्ट सूची से हटाए गए हैं।
निर्वाचन अधिकारियों के अनुसार, हटाए गए मतदाताओं में सबसे अधिक वे लोग शामिल हैं जो लंबे समय से अपने मूल पते पर निवास नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता भी पाए गए, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, लेकिन उनके नाम अब तक मतदाता सूची में दर्ज थे। आयोग का कहना है कि इस प्रक्रिया से फर्जी या अनुपयोगी नामों को हटाकर चुनावी प्रक्रिया को अधिक विश्वसनीय बनाया जाएगा।
हालांकि निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह केवल ड्राफ्ट सूची है। जिन मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, उन्हें दावा और आपत्ति दर्ज कराने का पूरा अवसर दिया जाएगा। संबंधित मतदाता निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने बूथ लेवल अधिकारी या निर्वाचन कार्यालय में जाकर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते हैं। जांच के बाद यदि दावा सही पाया जाता है तो अंतिम मतदाता सूची में उनका नाम पुनः जोड़ा जा सकता है।
ड्राफ्ट सूची जारी होने के बाद राजनीतिक दलों ने भी इस पर नजर बनाए रखी है। पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में मतदाता सूची की जांच करने और जिन लोगों के नाम कटे हैं, उन्हें समय पर आपत्ति दर्ज कराने में सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे मतदाता सूची में अपने नाम की स्थिति की जांच अवश्य करें और यदि किसी तरह की त्रुटि पाई जाती है तो उसे समय रहते सुधारवाएं। निर्वाचन आयोग का कहना है कि विशेष गहन पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य किसी भी पात्र मतदाता को वंचित करना नहीं, बल्कि मतदाता सूची को पूरी तरह त्रुटिरहित बनाना है, ताकि आगामी चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो सकें।
