श्रद्धालुओं के लिए जरूरी सूचना! खाटूधाम में बाबा श्याम ने किया शाही स्नान, 19 घंटे नहीं होंगे दर्शन
हरियाली अमावस्या पर खाटू नगरी एक बार फिर आस्था, भक्ति और धार्मिक उल्लास से सराबोर हो उठी है। दूर-दूर से आए हजारों श्याम भक्तों की मौजूदगी में गुरुवार को पूरे विधि-विधान के साथ बाबा श्याम का भव्य शाही स्नान कराया गया। श्याम कुंड में पवित्र स्नान के बाद भक्तों ने अपने जीवन को धन्य माना और बाबा से उनके आशीर्वाद और कल्याण की प्रार्थना की। भक्त बाबा के स्नान जल का प्रसाद अपने साथ ले गए, जिसे वे अपने घरों में गंगाजल की तरह पवित्र मानते हैं। इस अवसर पर महिलाएं दान-पुण्य कर धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करती हैं, जो हरियाली अमावस्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
25 जुलाई की रात 10 बजे से सामान्य दर्शन बंद रहेंगे
बाबा श्याम के भव्य तिलक-श्रृंगार की तैयारियों के चलते मंदिर प्रशासन ने घोषणा की है कि 25 जुलाई (शुक्रवार) की रात 10:00 बजे से 26 जुलाई (शनिवार) की शाम 5:00 बजे तक मंदिर आम दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा। इस दौरान मंदिर परिसर की विशेष सफाई और पूरी तरह से धुलाई की जाएगी।
26 जुलाई को होगा दिव्य तिलक श्रृंगार, दर्शन शाम 5 बजे से
बाबा श्याम का विशेष तिलक श्रृंगार शनिवार, 26 जुलाई को सुबह 7 बजे से शुरू होगा, जिसमें विशेष चंदन, पुष्प और वस्त्र का प्रयोग किया जाएगा। यह प्रक्रिया 4 से 5 घंटे तक चलेगी। माथे से गालों तक चंदन का तिलक लगाया जाता है, जिसके बाद बाबा का फूलों से दिव्य श्रृंगार किया जाता है।
बाबा का श्रृंगार अगली अमावस्या तक ऐसा ही रहेगा
भक्तों का मानना है कि तिलक श्रृंगार के बाद बाबा का जो स्वरूप प्रकट होता है, वह दिव्य दर्शन का अनुभव कराता है और भक्तों को शांति, ऊर्जा और असीम आशीर्वाद की अनुभूति होती है। बाबा का यह भव्य श्रृंगार अगली अमावस्या तक ऐसा ही रहता है, जिसमें किसी भी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं किया जाता।
बाबा खाटू श्याम के तिलक श्रृंगार का धार्मिक महत्व समझें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह श्रृंगार बाबा श्याम को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक तरीका माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी भक्त तिलक श्रृंगार में बाबा श्याम के दिव्य दर्शन करता है, उसे शांति और सुख की प्राप्ति होती है। तिलक श्रृंगार में विशेष प्रकार के चंदन, फूल, वस्त्र आदि का प्रयोग किया जाता है और इसमें 4 से 5 घंटे का समय लगता है। तिलक श्रृंगार में विशेष चंदन का प्रयोग किया जाता है। बाबा श्याम को माथे से लेकर गालों तक चंदन का तिलक लगाया जाता है। इसके बाद बाबा श्याम का फूलों और वस्त्रों से श्रृंगार किया जाता है। विशेष अवसरों पर यह श्रृंगार और भी भव्य तरीके से किया जाता है।
