किसानों और पशुपालकों को बड़ी राहत! जयपुर की जगह अब सीकर में ही मिलेगी सुविधा, पढ़े पूरी डिटेल

सीकर न्यूज़ डेस्क - पशुपालकों के लिए खुशखबरी है। सीकर के पशुपालकों को पशु आहार की गुणवत्ता जांचने के लिए जयपुर जाने की जरूरत नहीं है। पशुपालन विभाग ने पशुपालकों की इस समस्या का समाधान कर दिया है। विभाग की ओर से जिला मुख्यालय पर बनाई गई नई पशु आहार पोषण लैब पूरी तरह बनकर तैयार हो गई है। लैब के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दे दिया गया है। कर्मचारियों के प्रशिक्षण के बाद लैब के जल्द शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। निदेशालय की ओर से लैब के लिए उपकरण भेजने के साथ ही पोषण लैब में पशु आहार में पोषक तत्वों और अशुद्धियों की सही मात्रा की जांच हो सकेगी।
पशुपालकों को होगा फायदा
पशुपालन कर आजीविका चलाने वाले पशुपालक अपने पशु आहार की गुणवत्ता जांच के लिए उसे जयपुर भेजते हैं। पशुपालन विभाग को सैंपल जयपुर या अन्य बड़े शहरों में भेजने पड़ते हैं। इससे विभाग के साथ-साथ पशुपालकों का भी समय और पैसा बर्बाद होता था। जिला मुख्यालय पर नई लैब खुलने से पशुपालकों के सैंपल की जांच सीकर में ही हो सकेगी। इसका फायदा किसानों को होगा। पशुओं के साथ-साथ पशुपालकों को भी मिलावटी या घटिया चारे से बचाया जा सकेगा और पशुओं का दूध उत्पादन बढ़ेगा।
चारे की गुणवत्ता जांच इसलिए जरूरी है क्योंकि
पशुपालक जवान सिंह ने बताया कि चारे की गुणवत्ता जांच इसलिए जरूरी है ताकि पशुओं को पर्याप्त पोषण मिल सके, उनकी उत्पादकता बढ़े और बीमारियों से बचा जा सके और चारे के उचित उपयोग से लागत भी कम आए। चारे की गुणवत्ता पशुओं के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। खराब गुणवत्ता वाला चारा पशुओं में बीमारी, विकास में कमी और कम दूध उत्पादन का कारण बन सकता है। वहीं, अच्छी गुणवत्ता वाला चारा पशुओं को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है। चारे की गुणवत्ता जांच से पता चलता है कि पशुओं को किस तरह का और कितना चारा चाहिए।