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खाटू श्याम धाम के पास 3100 फीट की ऊंचाई पर स्थित है भगवान शिव का श्म्त्कारी मंदिर, औरंगजेब ने किया था तहस नहस करने का प्रयास

 
खाटू श्याम धाम के पास 3100 फीट की ऊंचाई पर स्थित है भगवान शिव का श्म्त्कारी मंदिर, औरंगजेब ने किया था तहस नहस करने का प्रयास 

अगर आप विश्व प्रसिद्ध खाटूश्याम जी मंदिर में बाबा श्याम के दर्शन करने जा रहे हैं तो आज हम आपको खाटूश्याम जी के पास एक प्राचीन स्थान के बारे में बताएंगे जो विश्व में इकलौता ऐसा स्थान है। यह बहुत प्राचीन है। शिवरात्रि के दौरान यहां भारी भीड़ होती है। आपको बता दें, यह स्थान हर्ष पर्वत पर मौजूद है, इस पर्वत की ऊंचाई करीब 3100 फीट है। इसे माउंट आबू के बाद राज्य का दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत माना जाता है। यहां दुनिया की एकमात्र पंचमुखी भगवान शिव की प्राचीन मूर्ति स्थापित है।

आरंगजेब ने मंदिर को नष्ट कर दिया था
आपको बता दें, खाटूश्याम जी के दर्शन करने के बाद हजारों की संख्या में श्रद्धालु हर्ष पर्वत पर स्थित भगवान शिव की पंचमुखी मूर्ति के दर्शन करने आते हैं। भगवान शिव की यह मूर्ति बहुत दुर्लभ मानी जाती है। मंदिर के पुजारियों के अनुसार, यह राजस्थान की इकलौती और सबसे प्राचीन शिव मूर्ति है। हर्ष पर्वत पर मौजूद शिव मंदिर की विशालता और आकर्षक शैली के कारण औरंगजेब ने इस मंदिर को नष्ट कर दिया था। आज भी इस मंदिर को औरंगजेब की सेना द्वारा नष्ट किए जाने के साक्ष्य यहां देखे जा सकते हैं। धार्मिक पर्यटन के अलावा यह ऐतिहासिक स्थल भी है।

आज भी होता है अभिषेक
मंदिर के पुजारी विजय सिंह ने बताया कि हर्ष पहाड़ी पर मौजूद प्राचीन पंचमुखी शिव प्रतिमा की पूजा आज भी निरंतर जारी है। जाट समुदाय के पूनिया गोत्र का धोक आज भी इस मंदिर में होता है। सावन और शिवरात्रि पर प्रतिमा का अभिषेक भी किया जाता है। 3100 फीट की ऊंचाई पर बने इस मंदिर में शिवरात्रि के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। इस प्राचीन शिवलिंग के पास ही ऊंचाई पर एक और शिव मंदिर है, जहां सफेद शिवलिंग स्थापित है।