रघुनाथगढ़ Sikar का एक ऐतिहासिक स्थल
सीकर न्यूज़ डेस्क, सीकर में रेवासा, कासली और रघुनाथगढ़ चंदेलों के अधीन थे। चंदेल चंद्रवंशी क्षत्रिय थे। उनका जेतुभुक्ति में एक बड़ा राज्य था और पृथ्वीराज चौहान के साथ उनका युद्ध हुआ और वे हार गए। चंदेलों का एक शिलालेख (बनाम 1150 (1093 ई.) का रघुनाथगढ़ में पाया गया। रेवासा में वर्ष बनाम 1243 (1186 ई.) के तीन शिलालेख मिले। इन अभिलेखों से पता चलता है कि रेवासा परगना पृथ्वीराज चौहान के अधीन था। ये शिलालेख कुछ योद्धाओं के बारे में हैं।
अरावली पर्वतमाला पर समुद्र तल से 3500 फीट की ऊंचाई पर स्थित किला इस ऐतिहासिक स्थल का मुख्य आकर्षण है। किले का निर्माण सीकर के राव राजा देवी सिंह ने 1791 में करवाया था। रघुनाथगढ़ यह प्राचीन समय के राजाओं के द्वारा एक मुख्य चौकी के तौर पर बनाया गया था इसके आसपास कुछ और छोटे-छोटे गढ़ हैं। जो इसकी सहायता के लिए बनाए गए थे यह गढ़ काफी प्राचीन है अंदर जब हम जाते हैं तो अंदर सभामंडप और अन्य राजाओं और महाराजाओं के रहने के अस्तबल और पीछे एक कुंडली मिलता है।
जिसमें सैनिक स्नान करते थे काफी मनमोहक दृश्य है बहुत ज्यादा ऊंचाई है बहुत ज्यादा ऊंचाई होने के कारण आसपास का कहीं दूर तक का नजारा आसानी से आपको नजर आ जाता है पहाड़ों के बीच है हरियाली मनमोहक है बारिश के टाइम पर यहां जाएं तो आपको कई बहते झरने भी मिल जाएंगे और कुछ झीलें भी छोटी-मोटी मिल सकती हैं बहुत ही मनमोहक और मनोहारी दृश्य हैं ऐसा लगता है कि यही बैठ जाएं और आराम से कई दिन को जारी हमने यहां एक रात रूके थे और एक दिन भी हम रुके बहुत अच्छी जगह है अच्छा शानदार बनाया हुआ है। हां आज इसके संरक्षण की आवश्यकता है।
