रणथंभौर में टाइगर का टेरर! फॉरेस्ट गार्ड समेत दो लोगों पर किया जानलेवा हमला, महज 55 दिनों में चौथी घटना से फैली दहशत
प्रदेश के सबसे बड़े रणथंभौर टाइगर रिजर्व में इन दिनों बाघों के हमले की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला रणथंभौर के फलौदी रेंज के कैलाशपुरी वन क्षेत्र का है। जहां आज एक बाघ ने दो लोगों पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। दोनों घायलों को सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनका उपचार चल रहा है। पेश है एक रिपोर्ट
रणथंभौर में एक के बाद एक बाघों द्वारा किए जा रहे हमलों से आम जनता में वन विभाग के प्रति जबरदस्त गुस्सा है। इंसानों पर बाघों के हमले की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। आज सुबह से ही रणथंभौर के कैलाशपुरी वन क्षेत्र के मौजीपुरा एनीकट के आसपास एक बाघ घूम रहा था और लोग हमले की चिंता किए बिना तमाशबीन बने बाघ के साथ सेल्फी ले रहे थे। विडंबना यह रही कि मौके पर लोगों की भीड़ होने के बावजूद वन विभाग का कोई भी अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था।
कृषि पर्यवेक्षक पर हमला
ऐसे में लोगों की लापरवाही ने बाघ को हमले के लिए आमंत्रित कर दिया और भीड़ के बीच बाघ ने हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि डुमोदा ग्राम पंचायत के अंतर्गत कार्यरत कृषि पर्यवेक्षक सीताराम सैनी उस समय बोलेरो गाड़ी में सवार होकर आए थे। सीताराम सैनी ने बताया कि वे खेत की तारबंदी के सिलसिले में एक किसान परिवार से मिलने गए थे। वहां उतरते ही उन्होंने बाघ के साथ सेल्फी और फोटो लेने का प्रयास भी किया। उसी समय बाघ ने आक्रामक तेवर अपनाते हुए अचानक हमला कर दिया।
बचाने आए होमगार्ड पर भी किया हमला
हमले में मौके पर मौजूद होमगार्ड बाबूलाल ने कृषि पर्यवेक्षक सीताराम सैनी को बचाने का प्रयास किया। तभी बाघ ने बाबूलाल पर भी हमला कर दिया। अन्य लोगों के शोर मचाने पर बाघ पीछे हटा। लेकिन बाघ के हमले से दोनों घायल हो गए। दोनों घायलों को उपचार के लिए जिला मुख्यालय के सामान्य चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
वन विभाग में तैनात होमगार्ड बाबूलाल के अनुसार बाघ के मूवमेंट की सूचना मिलने पर उनकी टीम मौके पर पहुंची। वहां पहले से ही सैकड़ों ग्रामीण एकत्र थे, टीम ने किसी तरह उन्हें मौके से हटाया। तभी वहां बोलेरो में कृषि पर्यवेक्षक पहुंचे और गाड़ी से उतरकर बाघ की फोटो खींचने लगे, तभी बाघ ने उन पर हमला कर दिया, कृषि पर्यवेक्षक को बचाने के लिए उन्होंने बाघ पर डंडा मारा तो बाघ ने पलटकर उन पर भी हमला कर दिया, मौके पर मौजूद दो-तीन अन्य होमगार्ड जवानों ने किसी तरह दोनों को बाघ से बचाया और बाघ जंगल की ओर भाग गया। बाघ के हमले में घायल दोनों की हालत फिलहाल खतरे से बाहर बताई जा रही है।
पिछले दो माह में कई घटनाएं
हाल ही में रणथंभौर टाइगर रिजर्व में पिछले दो माह में बाघ ने तीन लोगों पर हमला कर उन्हें मार डाला था। इनमें 7 वर्षीय कार्तिक सुमन, रेंजर देवेंद्र चौधरी और जैन मंदिर सेवादार राधेश्याम सैनी शामिल हैं। पिछले दिनों बाघ के हमले से गुस्साए लोगों ने दो दिन तक लगातार गणेश धाम के सामने डेरा डाल रखा था। उसके बाद कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना की समझाइश के बाद ही मामला शांत हुआ था।
किले और त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर बाघों की लगातार आवाजाही के कारण रणथंभौर से त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग को हर दिन बंद किया जा रहा है। औपचारिकता के नाम पर वन विभाग ने एक बाघ को कैला देवी शिफ्ट कर दिया है। दूसरे को भीड़ में बनाए गए बाड़े में कैद कर दिया है। लेकिन कई बाघ ऐसे हैं जो लगातार इलाके के लिए इंसानों पर हमला कर रहे हैं और वन विभाग इन घटनाओं से कोई सबक नहीं ले रहा है। यहां तक कि वन विभाग का ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग सिस्टम भी पूरी तरह फेल नजर आ रहा है और उसी का नतीजा है बाघों द्वारा इंसानों पर हमला किया जाना।
