सवाई माधोपुर में 7 वर्षीय विक्रम बंजारा के कातिल लेपर्ड को वन विभाग ने दबोचा
जिले में पिछले दिनों 7 वर्षीय बालक विक्रम बंजारा की लेपर्ड के हमले में हुई दर्दनाक मौत के मामले में आखिरकार वन विभाग ने सफलता हासिल की है। पुराने शहर के आटीला बालाजी के पास यह हादसा हुआ था, जिसने पूरे क्षेत्र में शोक और चिंता का माहौल पैदा कर दिया था। घटना के तुरंत बाद वन विभाग ने लेपर्ड को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया था, जो अब सफलता के साथ समाप्त हुआ।
सूत्रों के अनुसार, बालक विक्रम बंजारा घर के पास खेल रहा था तभी अचानक लेपर्ड ने उस पर हमला कर दिया। हमले के दौरान बालक को गंभीर चोटें आईं और उसे अस्पताल ले जाने से पहले ही उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय लोगों में डर का माहौल फैल गया और वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची।
वन विभाग ने घटना के बाद इलाके में गश्त बढ़ा दी थी और विशेष जाल तथा ट्रैकिंग उपकरणों की मदद से लेपर्ड की लोकेशन का पता लगाया। स्थानीय लोगों की मदद और तकनीकी निगरानी के बाद वन विभाग ने लेपर्ड को पकड़ने में सफलता पाई। वन विभाग ने बताया कि पकड़ने के बाद लेपर्ड को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया गया है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।
इस घटना ने वन्य जीवों और मानव आवास के बीच संतुलन पर भी सवाल खड़ा कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि लेपर्ड जंगल से निकले और मानव आवास के नजदीक आने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, जिससे ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं सामने आती हैं। वन विभाग ने चेतावनी दी है कि बच्चों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है और खतरनाक इलाकों में अकेले खेलने से बचना चाहिए।
स्थानीय प्रशासन और वन विभाग ने अब सतर्कता बढ़ा दी है। बच्चों और आमजन को लेपर्ड और अन्य जंगली जानवरों से सुरक्षित रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है। वन अधिकारियों ने बताया कि इलाके में कैमरा ट्रैप और पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है, ताकि किसी भी जंगली जानवर के मानव आवास के पास आने की स्थिति में समय पर कार्रवाई की जा सके।
बालक विक्रम बंजारा की मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया था। अब लेपर्ड की गिरफ्तारी से स्थानीय लोगों में थोड़ी राहत है, लेकिन वन्य जीवों और मानव आवास के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती अभी भी बरकरार है।
