Sawaimadhopur सबसे पुराना त्रिनेत्र गणेश मंदिर, रणथंभौर में रिद्धि और सिद्धि दो पुत्रों के साथ विराजित
Sep 19, 2023, 16:00 IST
सवाईमाधोपुर न्यूज़ डेस्क, सवाईमाधोपुर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में सबसे पुराना गणेश मंदिर है। ये मंदिर रणथम्भौर में स्थित है और त्रिनेत्र गणेश मन्दिर कहलाता है। इस मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना है। मंदिर के महंत संजय दाधीच बताते हैं कि इसका सर्वप्रथम उल्लेख महाभारत काल में मिलता है। यह मंदिर पांच हजार साल पुराना है। महंत बताते है कि महाभारत काल में जब भगवान श्रीकृष्ण और रूकमणि का विवाह हुआ था। उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने गणेश जी को निमंत्रण नहीं दिया। जिससे नाराज होकर गणेश जी ने अपने वाहन मूषक को वहां भेजा। मूषक ने अपने सेना के साथ जमीन का खोदकर पोली कर दिया। जिससे भगवान श्रीकृष्ण का रथ आगे नहीं बढ़ सका। जिसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने भगवान गणेश को निमंत्रण भेजा। तभी से यहां पहला निमंत्रण भेजे जाने की परंपरा शुरुआत हुई। जिसका प्रभाव आज भी लोकगीतों में देखा जा सकता है। रणथभवंर के लाडले गौरी पुत्र गणेश... जैसे गीत आज गाये जाते हैं।
दुनिया का एकमात्र त्रिनेत्र गणेश मन्दिर होने का दावा
दूसरी किदवंती के अनुसार मंदिर का निर्माण दसवीं सदी में रणथंभौर के राजा हम्मीर देव ने करवाया था। बताया जाता है कि 1299 ईस्वीं में राजा हम्मीर और अलाउद्दीन खिलजी के बीच युद्ध चला। राजा ने प्रजा और सेना की जरूरत को देखते हुए ढेर सारा खाद्यान्न और जरूरत की वस्तुओं को सुरक्षित रखवा लिया था, लम्बे समय तक युद्ध तक चलने की वजह से हर चीज की तंगी होने लगी। तब राजा हमीर के सपने में भगवान गणेश ने आकर आश्वासन दिया कि उनकी विपत्ति जल्द ही दूर हो जाएगी। तब हमीर द्वारा इस मंदिर का निर्माण करवाया गया। पूरी दुनिया में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां गणेश जी त्रिनेत्र रूप में पूरे परिवार पत्नी रिद्धि और सिद्धि दो पुत्र शुभ व लाभ के साथ विराजमान है।