पढ़े Sawai Madhopur के "चौथ का बरवाड़ा" मंदिर के बारे में
सवाई माधोपुर न्यूज़ डेस्क, संवत 1428 में श्री भीम सिंहजी चौहान शासक थे, जो चौथ माताजी के कट्टर आस्तिक थे। एक दिन उनके सपने में चौथ माताजी ने उन्हें पांचला गांव के स्थान पर बड़वारा में स्थापित करने के लिए मार्गदर्शन किया। इसलिए श. भीम सिंहजी चौहान ने बुड्डी चतुर्थी संवत 1451 के महीने में गांव के पश्चिम में स्थित अरावली पर्वतमाला के सबसे ऊंचे पर्वत पर चौथ माताजी के गुफा मंदिर की स्थापना की।
इस प्रकार गांव का नाम चौथ का बरवाड़ा रखा गया। शिलालेखा के आधार पर वर्ष 1682 में श्री तेज सिंह राठौर ने भदवा शुदि द्वादशी में दीवारों का निर्माण करवाया, जो कि जंग की ओर हैं, और श्री जवाहर सिंह जी के शासन में चौथ के पश्चिम की ओर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करवाई गई। शेर पर विराजमान देवी की छवि सफेद संगमरमर में है और गर्भगृह में स्थापित है।
बायीं ओर पीछे की ओर भैरूजी की मूर्ति है। चौथ माता की मूर्ति के पास गणेश जी की मूर्ति है। लोग गणेश चौथ को भी कहते हैं। विशाल और विशाल मंदिर पहाड़ी पर बना है। मंदिर तक पहुंचने के लिए 700 सीढि़यों की उड़ान है। मंदिर के चारों ओर एक बरामदा बनाया गया है। मंदिर दो मंजिला है।
