मौसम के कारण राजस्थान के अन्नदाता परेशान! जितनी हो रही आमदनी उतना ही बढ़ रहा खर्चा, कब होगा आय में इजाफा ?

सवाई माधोपुर न्यूज़ डेस्क - बार-बार बदल रहे मौसम और आंधी-बारिश की आशंका ने वजीरपुर उपखंड सहित गंगापुर सिटी व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों की चिंता बढ़ा दी है। लगातार मौसम परिवर्तन के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं। खेतों में गेहूं की कटाई जोरों पर है, लेकिन बदलते मौसम के कारण किसान फसल को सुरक्षित रखने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। क्षेत्र के किसान मुनेश मीना व गजेंद्र मीना का कहना है कि कहीं बारिश उनकी मेहनत पर पानी न फेर दे, इस डर से किसान लगातार गेहूं की लावणी (कटाई) में जुटे हुए हैं। लेकिन महंगे मजदूरों व थ्रेसर मशीन से कटाई करवाने के बाद भी किसानों को उनकी मेहनत का वाजिब दाम नहीं मिल रहा है। बाजार में गेहूं के भाव कम होने के कारण प्रति बीघा महज 5-6 हजार रुपए की ही बचत हो रही है, जो उनकी लागत से काफी कम है।
एक बीघा जमीन की कटाई में लगते हैं 13-14 मजदूर
बाजार में नए गेहूं का भाव 2400 से 2450 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि सरकार ने अभी तक समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं की है। एक बीघा जमीन की कटाई में 13-14 मजदूर लगते हैं, जो एक से दो दिन में काम पूरा कर लेते हैं। इस समय पूरे क्षेत्र में गेहूं की कटाई जोरों पर होने के कारण मजदूर आसानी से नहीं मिल रहे हैं। मजदूर दो दिन में तारीख दे रहे हैं, जिससे मौसम की अनिश्चितता को लेकर किसान और अधिक चिंतित हो गए हैं।
आय के बराबर खर्च
मजदूरी दरों में भी भारी वृद्धि हुई है। पहले जहां मजदूरों की दिहाड़ी 300 रुपये थी, अब वह बढ़कर 500 रुपये हो गई है। इसके अलावा फसल को खेतों तक पहुंचाने के लिए वाहनों का खर्च और मजदूरों की सुविधा के लिए अतिरिक्त व्यवस्थाओं का खर्च भी बढ़ गया है। एक बीघा में 30-35 मन यानी 12-14 क्विंटल गेहूं पैदा होता है, जिसका मौजूदा भाव 28-32 हजार रुपये है। लेकिन फसल तैयार होने तक किसानों का खर्च 25 हजार रुपए तक पहुंच जाता है और कटाई में ही 6-7 हजार रुपए खर्च हो रहे हैं, जिससे किसान को बहुत कम लाभ मिल रहा है।
असामान्य रूप से सर्द हो गया है मौसम
सहायक कृषि अधिकारी पिंटू लाल मीना के अनुसार गंगापुर सिटी और वजीरपुर क्षेत्र में अब तक 30-35 प्रतिशत गेहूं की कटाई हो चुकी है और अप्रैल तक पूरी फसल कटने की उम्मीद है। वहीं मौसम में हो रहे उतार-चढ़ाव ने किसानों की परेशानी और बढ़ा दी है। पिछले 10 दिनों में अधिकतम तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है, जिससे मौसम असामान्य रूप से सर्द हो गया है। हाल के दिनों में आसमान में बादल छाने और बारिश की संभावना ने किसानों की चिंता और गहरा दी है।