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रणथंभौर के जंगलों में कचरे का कहर! पाबंदी के बावजूद फेंका जा रहा प्लास्टिक कचरा, आखिर क्या कर रहा प्रशासन ?

 
रणथंभौर के जंगलों में कचरे का कहर! पाबंदी के बावजूद फेंका जा रहा प्लास्टिक कचरा, आखिर क्या कर रहा प्रशासन ?

सवाई माधोपुर न्यूज़ डेस्क - देश के सर्वश्रेष्ठ टाइगर रिजर्व में गिने जाने वाले रणथंभौर टाइगर रिजर्व में वन विभाग ने प्लास्टिक और पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगा रखा है, लेकिन इस प्रतिबंध के आदेश के सालों बाद भी वन विभाग की ओर से धरातल पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। रणथंभौर में आजकल जंगली जानवर प्लास्टिक और पॉलीथिन खाते नजर आ रहे हैं। पर्यटकों और स्थानीय लोगों द्वारा कचरा फेंकने पर भी प्रतिबंध है। इसका एक वीडियो भी सामने आया है।

पॉलीथिन खाते जंगली जानवर
रणथंभौर टाइगर रिजर्व के जोन नंबर चार के सिंहद्वार वन क्षेत्र में सांभर पॉलीथिन की थैलियां खाते नजर आए। इसी तरह जोन पांच के कचिदा माता वन क्षेत्र में सांभर के मुंह में प्लास्टिक की थैलियां नजर आ रही हैं। एक पर्यटक ने इसका वीडियो बनाकर दैनिक भास्कर के साथ शेयर किया है। ऐसे में एक बार फिर वन विभाग की ओर से प्लास्टिक प्रतिबंध को लेकर बनाए गए नियमों की पालना पर सवाल उठ रहे हैं।

कार्रवाई के लिए कमेटी, लेकिन कार्रवाई नहीं
रणथंभौर नेशनल पार्क में भ्रमण के दौरान होने वाली अनियमितताओं को रोकने के लिए वन विभाग ने एक जांच कमेटी भी बनाई है, लेकिन यह कमेटी पार्क भ्रमण के दौरान पर्यटकों के टिकट और आईडी की जांच करके ही अपना काम पूरा कर रही है। रणथंभौर वन अधिकारियों का कहना है कि रणथंभौर में प्लास्टिक और पॉलीथिन में खाद्य पदार्थ ले जाना प्रतिबंधित है।

फिर भी कुछ बड़े होटल पर्यटकों को डिब्बे में चाय या कुछ खाने-पीने का सामान चोरी-छिपे ले जाने की अनुमति देते हैं। अगर ऐसा सामने आता है तो उन पर जुर्माना लगाया जाता है और कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन हाल ही में रणथंभौर से जंगली जानवरों के प्लास्टिक और पॉलीथिन खाने का जो वीडियो सामने आया है, उसने एक बार फिर रणथंभौर वन अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।