सवाई माधोपुर में एसआईआर कार्यक्रम के तहत प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित, 9.71 लाख मतदाता शामिल
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (Special Intensive Revision – SIR) के तहत मंगलवार को सवाई माधोपुर जिले की प्रारूप मतदाता सूचियां प्रकाशित कर दी गई हैं। इन सूचियों के अनुसार जिले में कुल 9,71,777 मतदाता शामिल हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारियों के अनुसार यह प्रारूप सूचियां मतदाता सूची को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाने के उद्देश्य से तैयार की गई हैं। इसमें जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों के मतदाता शामिल हैं और उनकी जानकारी को सत्यापित किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि यह प्रारूप सूची केवल प्रारंभिक है और इसमें किसी भी प्रकार की आपत्ति दर्ज कराने की सुविधा उपलब्ध है। जिन मतदाताओं को अपनी जानकारी में कोई त्रुटि नजर आती है, वे निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने बूथ लेवल अधिकारी या जिला निर्वाचन कार्यालय में दस्तावेज प्रस्तुत कर आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। दावा और आपत्ति दर्ज कराने की अंतिम तिथि 15 जनवरी तय की गई है।
निर्वाचन आयोग ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी स्थिति की तुरंत जांच करें और यदि किसी प्रकार की गलती पाई जाती है तो उसे समय रहते सुधारवाएं। इससे सुनिश्चित होगा कि सभी पात्र मतदाता आगामी चुनाव में मतदान कर सकें और मतदाता सूची पूरी तरह सटीक और पारदर्शी रहे।
विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य मतदाता सूची में फर्जी या अनुपयोगी नाम हटाना, पुराने और मृतक मतदाताओं की जानकारी अद्यतन करना और नए मतदाताओं को शामिल करना है। इस प्रक्रिया से आगामी चुनावों में पारदर्शिता बढ़ेगी और केवल योग्य मतदाता ही मतदान प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे।
प्रारूप मतदाता सूची जारी होने के बाद जिला प्रशासन और राजनीतिक दलों ने भी सूची में हुए परिवर्तनों पर नजर रखनी शुरू कर दी है। राजनीतिक दलों को अपने-अपने क्षेत्रों में मतदाता सूची की जांच करने और आवश्यकता पड़ने पर आपत्तियां दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।
सवाई माधोपुर जिले में कुल 9,71,777 मतदाताओं के शामिल होने के बाद अब स्थानीय प्रशासन इस सूची को अंतिम रूप देने के लिए दावा और आपत्ति प्रक्रिया पूरी करेगा। यह कदम जिले में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत बनाने और आगामी चुनावों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि नागरिकों की सक्रिय भागीदारी इस प्रक्रिया की सफलता के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रारूप सूची में किसी भी त्रुटि को समय रहते सुधारवाना मतदाता के अधिकार की रक्षा करता है और भविष्य के चुनाव में सभी योग्य मतदाताओं को मतदान का अवसर सुनिश्चित करता है।
