राजस्थान में कांग्रेस विधायक इंदिरा मीना की गुंडागर्दी! सरेआम BJP नेता की फाड़ी शर्ट पकड़कर खींचा, SDM को भी सुनाई खरी-खोटी

सवाईमाधोपुर के बौंली में अंबेडकर प्रतिमा पर पट्टिका लगाने को लेकर विवाद हो गया। बामनवास से कांग्रेस विधायक इंदिरा मीना ने बौंली भाजपा मंडल अध्यक्ष हनुमान दीक्षित के साथ हाथापाई की। उन्होंने हनुमान दीक्षित का कॉलर पकड़कर खींचा और उनकी शर्ट फाड़ दी। धमकी देते हुए कहा- भाजपा है तो क्या गुंडागर्दी होती है? जब एसडीएम ने कहा- मैं इस मामले को देखूंगा और यह उद्घाटन है तो विधायक भड़क गईं। बोलीं- क्या तुमने भी शराब पी रखी है? घटना रविवार रात 2 बजे की है। करीब 2 घंटे तक यह पूरा विवाद चलता रहा। मामला बढ़ता देख एसडीएम चंद्र प्रकाश वर्मा, एएसपी नीलकमल, एसएचओ राधा रमन गुप्ता मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाया। फिलहाल दोनों पट्टिकाओं को सुरक्षित स्थान पर रखवा दिया गया है।
1. दो साल पहले हुआ था प्रतिमा का अनावरण
दरअसल, बौंली में 2 साल पहले बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण हुआ था। यहां पीडब्ल्यूडी की ओर से चौराहे का निर्माण कराया जा रहा है। दो साल पहले इसका शिलान्यास बामनवास विधायक इंदिरा मीना ने किया था। इस पट्टिका पर उनके साथ पूर्व सीएम अशोक गहलोत का नाम भी था, जिसे रविवार रात हटा दिया गया। इस दौरान प्रधान कृष्ण पोसवाल के साथ बौंली भाजपा मंडल अध्यक्ष हनुमान दीक्षित भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि प्रतिमा के नीचे इंदिरा मीना और नगर पालिका अध्यक्ष कमलेश देवी जोशी के नाम की पट्टिका लगाई जानी थी। इस पर प्रधान और बौंली मंडल अध्यक्ष ने आपत्ति जताई और इसे वहां से हटा दिया।
2. नीचे पट्टिका देख भड़कीं इंदिरा मीना
इस घटना की जानकारी मिलने के बाद रात करीब 12 बजे विधायक इंदिरा मीना मौके पर पहुंचीं। नीचे अपने नाम की पट्टिका देख भड़क गईं। इस पर वे भड़क गईं। इस पर उनकी हनुमान दीक्षित से कहासुनी हो गई।
3. वे भाजपा नेता की कार के पायदान पर चढ़ गईं
बात इतनी बढ़ गई कि जब हनुमान दीक्षित कार में बैठकर जाने लगे तो इंदिरा मीना भड़क गईं। पहले वे बहस करने लगीं और फिर कार पर चढ़ गईं। इसके बाद हाथापाई भी हुई। इंदिरा मीना ने धमकी देते हुए कहा- भाजपा है तो क्या गुंडागर्दी है, गुंडागर्दी क्यों कर रहे हो। अंबेडकर की प्रतिमा को कैसे छू लिया।
4. विधायक ने एसडीएम से कहा- सरकार के गुलाम मत बनो
विधायक ने कहा- आप हमें शांतिपूर्वक जयंती क्यों नहीं मनाने दे रहे? वे दंगा भड़काना चाहते हैं। इसके बाद विधायक ने एसडीएम को फोन किया। कहा- एसडीएम साहब, इतने डरपोक मत बनो। समय-समय की बात है, सरकार के इतने गुलाम मत बनो। सरकार के लोग पुलिस को गाली दे रहे हैं, पट्टिकाएं तोड़ रहे हैं।
5. अधिकारी हो तो ज्ञान होना चाहिए
विधायक ने कहा- अधिकारी हो तो ज्ञान होना चाहिए। कोई भवन नहीं बन रहा और हमने शिलान्यास कर दिया। आप हमारी शिलान्यास पट्टिका क्यों नहीं लगा सकते। अब इसमें भाजपा-कांग्रेस क्या करेंगे। आप लोग मुद्दा बनाना चाहते हैं। अब सौंदर्यीकरण में क्या दिक्कत है। क्या आप संविधान के भी खिलाफ हैं? क्या हमें पट्टिका लगाने के लिए आपसे अनुमति लेनी होगी? अगर वे शराब पीकर पट्टिका तोड़ रहे हैं और पुलिस को गाली दे रहे हैं, तो उनके खिलाफ मामला दर्ज करें। जब उन्हें जवाब मिला कि वे मामले को देखेंगे और यह उद्घाटन है, तो विधायक भड़क गईं। उन्होंने कहा- क्या आपने भी शराब पी रखी है?