Sawaimadhopur चने की बिक्री में ये बड़ी वजह बनी रोड़ा, निराश धरतीपुत्र
सवाईमाधोपुर न्यूज़ डेस्क, सवाईमाधोपुर. राज्य सरकार ने भले ही एक अप्रेल से प्रदेश सहित जिले में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों, चना व गेहूं की खरीद शुरू कर दी हो लेकिन जिले में हालात ही अलग बने है। स्थिति ये है कि 20 दिन बीतने के बाद भी जिले के 20 केन्द्रों पर अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना, सरसों व गेहूं की तुलाई शुरू नहीं को सही है। उधर, चने बेचने व अच्छे दाम मिलने की आस लगाए बैठे किसान अब तक निराश बैठे है। टेण्डर नहीं खोलने व बाजार भाव अधिक होने से ठेकेदार भी रूचि नहीं दिखा रहे है। जिले में इस बार सरसों व चना का बम्पर उत्पादन हुआ है।
ऐसे में काश्तकारों को उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले। इसके लिए राजस्थान राज्य सहकारी क्रय-विक्रय संघ लिमिटेड (राजफेड) की ओर से सरकारी खरीद शुरू होनी थी। लेकिन जिले में 20 दिन बाद भी 20 केन्द्रों पर अब तक खरीद शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में खरीद भी अब तक केन्द्र सूने पड़े है। खरीद केन्द्रों पर सरसों व चना की हैंडलिंग (गाड़ी से माल उतारना,छानना, बोरियां पैक करना , थप्पियां लगाना, गाड़ी में लोड करना आदि व सरकारी गोदाम तक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन के टेंडर (निविदाएं) नहीं होना है। टेंडर नहीं आने की वजह हैंडलिंग एवं ट्रांसपोर्टेशन की सरकारी रेट कम होना है। इस रेट में कोई ठेकेदार काम करने को तैयार नहीं है। इसके अलावा पेट्रोल-डीजल की दरें काफी बढ़ गई। पर सरकार पुरानी दर में ही काम कराना चाहती है। ऐसे में कोई भी ठेकेदार पुरानी रेट में टेंडर लेने को तैयार नहीं!
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