Rajsamand में अद्भुत है बायण माता मंदिर का इतिहास, गुजरात की सेना पर बाण चलाने से हुआ ये नामकरण
राजसमन्द न्यूज़ डेस्क,जिले की ग्राम पंचायत शिशोदा का नाम मेवाड़, मराठा और नेपाल राजवंशों से जुड़ा है। यह स्वतंत्रता सेनानी महाराणा प्रताप, छत्रपति वीर शिवाजी और नेपाल के राजवंश को जोड़ता है। यहां स्थित देश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक बायन माता का मंदिर है, जो अपने आप में समृद्ध इतिहास समेटे हुए है। नवरात्र के समय देश-विदेश से श्रद्धालु मां बयान माता के प्रति अपनी आस्था प्रकट करने यहां पहुंच रहे हैं. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से यहां आने वाले भक्तों की हर मुराद मां पूरी करती हैं।
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ऐसा माना जाता है कि मेवाड़ वंश के राणा लक्ष्मण सिंह की गुजरात यात्रा के दौरान, माता बाणेश्वरी (बाएं) राणा के सपने में प्रकट हुईं और उन्हें मेवाड़ जाने के लिए कहा। इस पर राणा गुजरात की महारानी को लेकर शिशोदा पहुंचे। राणा का पीछा करते हुए गुजरात की सेना भी यहाँ पहुँची। वर्तमान समय में चिकलवास नामक गांव में बयान माता ने बाण छोड़ गुजरात की सेना को नष्ट कर दिया था, जिसके कारण उनका नाम बयान माता पड़ गया। राणा ने बयान माता को कुलदेवी के रूप में महल में स्थापित कर मंदिर बनवाया।
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बयान माता मंदिर के पुजारी वरदी सिंह दासाना का कहना है कि पूरे देश में सिसौदा गांव के मंदिर से ही बयान माता की जोत ले ली गई है. देश-विदेश से श्रद्धालु अपनी आस्था प्रकट करने और मां का आशीर्वाद लेकर अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए बयान माता मंदिर पहुंचते हैं. जो भी यहां सच्चे मन से आता है, बयाना माता उसकी झोली हमेशा भरती है।