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Rajsamand जहां घास भी नहीं उगती थी, वहां अब तरबूज और खरबूजे जैसी फसलें

 
Rajsamand जहां घास भी नहीं उगती थी, वहां अब तरबूज और खरबूजे जैसी फसलें

राजसमंद न्यूज़ डेस्क, राजसमंद जिले की सीमा पर स्थित झौर ग्राम पंचायत के विभिन्न गांवों में किसानों ने सतत प्रयास करके उसर व पथरीली भूमि को उपजाऊ बना दिया और उस पर रसीले फल तरबूज-खरबूज जैसी नकदी फसलों के साथ ही तथा गुणवत्ता युक्त विभिन्न सब्जियों की बंपर पैदावार प्राप्त कर रहे हैं। झौर गांव के किसान देवीसिंह और उनके अधिवक्ता पुत्र शिवचरण सिंह चौहान ने 5 वर्ष पूर्व तालाब के समीप खेती करने का प्रयास किया तो भूमि सत व उसर होने के कारण आशा अनुरूप फसल की प्राप्ति नहीं हुई। इसके बाद युवा अधिवक्ता किसान शिवचरण सिंह चौहान ने आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए उसर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए कृषि विशेषज्ञों की सहायता लेकर खेतों की मिट्टी की हकाई करके उसमें उपजाऊ मिट्टी तथा गाय का देशी खाद सहित अन्य कृषि में सहायक तत्वों का समावेश करके खेतों की मिट्टी को उपजाऊ बनाया। फसलों की सिंचाई के लिए खेतों के समीप ही पांच बीघा क्षेत्र में फार्म पॉण्ड विकसित किया गया, जिसमें वर्षा का पानी भरपूर मात्रा में एकत्रित हुआ तथा पॉण्ड के समीप ही सोलर पंप भी लगाया गया, जिसके माध्यम से सिंचाई का कार्य किया जा रहा है।

वर्तमान में झौर तालाब क्षेत्र में स्थित खेतों में 30 बीघा क्षेत्र में फलों व सब्जियों का बंपर उत्पादन किया जा रहा है। युवा प्रगतिशील किसान शिवचरण ने बताया कि दिसंबर माह में 10 बीघा क्षेत्र में ताइवान किस्म के तरबूज की बुवाई की व 10 बीघा क्षेत्र में खरबूज तथा 10 बीघा क्षेत्र में लौकी, तुरई, करेला, टेनसी, काचरी, चमला, कद्दू, चकरी की फसल बोई गई थी। लगातार फसलों की उचित ढंग से देखभाल व सिंचाई के माध्यम से वर्तमान में तरबूज व खरबूज के साथ ही सब्जियों की बंपर पैदावार मिल रही है। चौहान ने बताया कि तरबूज के पौधों पर 5 से 6 किलो वजनी तरबूज लगे हुए हैं, वहीं एक पौधे पर चार से पांच तरबूज की पैदावार हो रही है। तरबूज व खरबूज में अच्छी देखभाल के कारण इनमें भरपूर मात्रा में गुदा बना होने से फल विक्रेताओं की भी विशेष मांग बनी हुई है।

उन्होंने बताया कि तरबूज, खरबूज व सब्जियों की बुवाई और दवाई तथा देखभाल व मजदूरी को मिलाकर करीब 9 से 10 लाख रुपए खर्च आया। वहीं, जिस प्रकार से बंपर पैदावार प्राप्त हुई है उसके आधार पर खर्च निकाल कर पर्याप्त आय होने की पूरी उमीद है। वर्तमान में प्रतिदिन दस हजार रुपए की सब्जियां तथा 25 से 30 हजार रुपए के तरबूज व खरबूज बिक्री केलिए राजसमंद, भीलवाड़ा व उदयपुर की सब्जी मंडियों में जा रहे हैं।

झौर के प्रगतिशील किसान मुकुंद माधवसिंह, मुकेश जाट, उदयराम जाट, श्रवण यादव, मुकेश यादव सहित अन्य किसानों ने भी आधुनिक तकनीक के माध्यम से तरबूज व खरबूज के साथ ही मिर्ची, टमाटर सहित अन्य सब्जियों की बंपर फसल प्राप्त कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि झौर क्षेत्र में भूमि के उपजाऊ होने के कारण काफी लाभ मिल रहा है। तरबूज-खरबूज व सब्जियों की बंपर पैदावार में यहां की मिट्टी की गुणवत्ता व वातावरण जलवायु की अनुकूलता से बिना किसी अतिरिक्त प्रयास के ऑर्गेनिक फल व सब्जियों की पैदावार हो रही है। वहीं, फसलों में रासायनिक तत्वों का उपयोग नहीं होने के कारण स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह उत्तम होने से बाजार में अच्छी मांग है।