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Rajasamand न केवल झील को मरम्मत की जरूरत, बल्कि पूरे सिस्टम को उपचार की जरूरत

 
Rajasamand न केवल झील को मरम्मत की जरूरत, बल्कि पूरे सिस्टम को उपचार की जरूरत

राजसमंद न्यूज़ डेस्क, राजसमंद राजसमंद झील की मरम्मत के साथ ही अब पूरे सिस्टम को सुधार की आवश्यकता है। स्थिति यह है कि झील से निकलने वाली नहरों की स्थिति खराब है। वहीं ऑफिस बिल्डिंग के साथ ही पाल भी क्षतिग्रस्त हो गई है। पाल की जड़ में पेड़-पौधे उग आए हैं, तो कहीं पर चूहों से स्थिति विकट हो रही है। राजसमंद झील का निर्माण सन् 1662-1676 में मेवाड़ के राणा राजसिंह ने करवाया था। झील से वर्तमान में शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति की जाती है, वहीं झील में पानी होने की स्थिति में इससे आस-पास के गांवों में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाता है। इस वर्ष भी झील ओवर फ्लो होकर छलकी। इसके कारण नहरों को 16 नवम्बर को खोला गया, हालांकि बायीं नहर तकनीकी कारणों के चलते देरी से खुली। पिछले दो दिन से बायीं नहर से पानी की निकासी जारी है, जबकि दायीं नहर से पानी की निकासी अनवरत जारी है। इससे गांवों में सिंचाई के लिए पानी पहुंच रहा है।

2.82 किमी. चौड़ाई और 6.4 किमी लम्बाई

30 फीट पूर्ण गेज और 3786 एमसीएफटी भराव क्षमता

45 राजसमंद के गांव में 10,144 हेक्टेयर में होती सिंचाई

07 नाथद्वारा के गांव की 467 हेक्टेयर में होती है सिंचाई

700 एमसीएफटी पीएचईडी के लिए रखा जाता है रिजर्व

15 से 16 लाख लीटर पानी प्रतिदिन शहर में होता सप्लाई