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Rajasamnd हिंदुस्तान जिंक ने ईवी ट्रकों के उपयोग के लिए इनलैंड ईवी ग्रीन सर्विसेज के साथ की साझेदारी

 
Rajasamnd हिंदुस्तान जिंक ने ईवी ट्रकों के उपयोग के लिए इनलैंड ईवी ग्रीन सर्विसेज के साथ की साझेदारी

राजसमंद न्यूज़ डेस्क, राजसमंद वेदांता समूह की जिंक, सीसा और चांदी उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक ने इनलैंड ईवी ग्रीन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर कर सस्टेनबल लॉजिस्टिक्स की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस एमओयू के तहत 10 इलेक्ट्रिक, ईवी ट्रक संचालित होंगे, प्रत्येक की क्षमता 55 मीट्रिक टन है। कंसंट्रेट के अंतर-परिचालन परिवहन के लिए समर्पित, ये पर्यावरण-अनुकूल ट्रक हरित और सस्टेनेबल कार्यप्रणाली के प्रति हिंदुस्तान जिंक की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते है। यह साझेदारी लॉजिस्टिक्स परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है, जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने और परिवहन के स्वच्छ तरीकों को बढ़ावा देने के वैश्विक प्रयासों के अनुरूप है।

मील के पत्थर के रूप की गयी इस पहल, हिंदुस्तान जिंक के मुख्यकार्यकारी अधिकारी और वेदांता के कार्यकारी निदेशक, अरुण मिश्रा ने कहा कि, “इनलैंड ईवी ग्रीन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ हमारी साझेदारी हमारी डीकार्बोनाइजेशन यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अपने वाहनों में इलेक्ट्रिक ट्रकों को एकीकृत कर, हम अपने पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए अपनी अनुमोदित एसबीटीआई प्रतिबद्धता को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। यह पहल जिम्मेदार और पर्यावरण के प्रति जागरूक संचालन के लिए हमारे दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो हमें अपने उद्योग में सस्टेनेबल संचालन में सबसे आगे रखती है। भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप डिजाइन किए गए, इन विश्वसनीय ईवी ट्रकों ने मुरुगप्पा समूह के ईवी उद्यम आईपीएलटेक इलेक्ट्रिक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा भारतीय सड़कों पर 2 वर्षों से अधिक के सफल संचालन का प्रदर्शन किया है। इन ट्रकों में केवल 90 मिनट में 20 से 100 प्रतिशत तक की उल्लेखनीय चार्जिंग क्षमता है।

केंद्रीय विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए हुआ व्यावसायिक प्रशिक्षण

देवगढ़ केंद्रीय विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण हुआ। केंद्रीय विद्यालय देवगढ़ में प्राचार्य विजयेंद्र नागदा ने बताया की पीएम योजनांतर्गत विद्यार्थियों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण किया, जिसमें राहुल प्रजापत ने बच्चों को चाक के माध्यम से मिट्टी से दीपक व छोटे बर्तन बनाने की कला का प्रशिक्षण दिया। गतिविधि में प्राचार्य, अध्यापक और विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। संपूर्ण प्रशिक्षण को सफल बनाने में अमरसिंह राठौड़, पीएल खटीक, एलआर सालवी, डॉ. दिनेशकुमार मीणा, विष्णुकुमार बैरवा, भरतकुमार, ज्ञानचंद रेगर, हुकुमचंद मीणा आदि शिक्षकों का योगदान रहा।