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Rajsamand गांवों में नहीं होगी पानी की जांच, मोबाइल वाटर टेस्टिंग लैब के पहिए थमे

 
Rajsamand गांवों में नहीं होगी पानी की जांच, मोबाइल वाटर टेस्टिंग लैब के पहिए थमे

राजसमंद न्यूज़ डेस्क, राजसमंद गांवों में घूमकर पानी के सेम्पल लेकर जांच करने वाली मोबाइल वाटर टेस्टिंग लैब के पहिए थम गए हैं। सेम्पलों की जांच नवम्बर माह के अंतिम सप्ताह से बंद है। इसके कारण अब ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के सेम्पलों की जांच नहीं हो रही है। प्रत्येक वैन को साल में तीन हजार सेम्पल लेकर जांच करने का लक्ष्य दे रखा था। प्रदेश के बीस जिलों में मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबोरेट्ररी वैन को गांवों में पानी की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जानकारों के अनुसार 2018 में हैदराबाद की प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी को इसका टेण्डर दिया गया था। इसके प्रथम चरण में इसे बीस जिलों संचालित किया गया था।

इसके तहत राजसमंद जिले में भी मोबाइल वाटर टेस्टिंग वैन प्रारंभ हुई। इसके बाद से नियमित रूप से जिले के गांवों में घूम-घूम कर पानी के सेम्पल लेकर उनकी जांच की जाती थी, लेकिन पिछले साल नवम्बर 2024 में मोबाइल वाटर टेस्टिंग लैब का टेण्डर पूरा होने के कारण इसके पहिए थम गए। अब गांवों से पानी के सेम्पलों की जांच भी नहीं हो पा रही है। हालांकि सरकार की ओर से नए टेण्डर किए जाएंगे या गांवों में पानी की जांच की जिम्मेदारी किसे दी जाएगी इसका जवाब किसी के पास नहीं है।उल्लेखनीय है कि मोबाइल वाटर वैन में पानी के सेम्पल लेकर उसमें कैमिकल, जीवाणु, फ्लोराइड आदि की जांच की जाती थी। हालांकि वैन कई जिलों में कुछ कारणों के चलते पहले ही ऑफ रोड हो गई थी।

इस तरह करती थी मोबाइल वैन काम

मोबाइल वाटर टेस्टिंग लैब वैन को सालभर में तीन हजार वाटर सैंपल टेस्ट करना अनिवार्य है। मोबाइल लैब के कार्यों की संबंधित क्षेत्र के जलदाय अधिशाषी अभियंता की ओर से सत्यापित किया जाता है, इसके बाद ही वैन संचालन कर रही फर्म को जांचे गए सैंपलों आदि का भुगतान करने का नियम था। वैन गांवों में पेयजल के स्त्रोतों के पानी की जांच करती थी।