राजस्थान के इस जिले में भीषण गर्मी को देखते हुए जारी की एडवाइजरी, बाहर निकलते समय बरते ये सावधानियां

राजसमंद में बढ़ते तापमान को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लू व हीट स्ट्रोक से बचाव व उपचार के लिए एडवाइजरी जारी की है। सीएमएचओ डॉ. हेमंत कुमार बिंदल ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सीएमएचओ के अनुसार भीषण गर्मी के प्रकोप के दौरान हीट स्ट्रोक से कोई भी बीमार पड़ सकता है। विशेषकर कुपोषित बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, धूप में काम करने वाले श्रमिक, यात्री, खिलाड़ियों के बीमार पड़ने की संभावना अधिक रहती है। अत्यधिक गर्मी के कारण शरीर में नमक व पानी की मात्रा अपर्याप्त हो जाती है, जिससे हीट स्ट्रोक नामक बीमारी होती है। सीएमएचओ ने बताया कि हीट स्ट्रोक के लक्षण सिर में भारीपन व सिरदर्द, अधिक प्यास लगना, शरीर का तापमान बढ़ना, पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल होना व त्वचा का सूख जाना है। इसके उपचार के अभाव में हीट स्ट्रोक के रोगी की मृत्यु भी संभव है।
धूप में छाते का उपयोग करें
इसलिए बीमारी से बचाव के लिए बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों व श्रमिकों को छायादार स्थानों पर रहना चाहिए। यदि तेज धूप में बाहर जाना आवश्यक हो तो बाहर जाने से पहले ताजा भोजन करना चाहिए तथा ठंडा पानी पीना चाहिए। धूप में निकलते समय छाते का उपयोग करना चाहिए अथवा सिर व शरीर को कपड़े से ढकना चाहिए। इसके उपचार के लिए रोगी को तुरन्त छायादार ठण्डे स्थान पर लिटाकर रोगी की त्वचा को गीले कपड़े से पोंछना चाहिए, रोगी के कपड़े ढीले करके उसे ठंडा पानी पिलाना चाहिए तथा रोगी को तुरन्त उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाना चाहिए।
सीएमएचओ ने जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी को निर्देश दिए हैं कि वे अपने संस्थानों के वार्डों में दो से चार बेड हीट स्ट्रोक रोगियों के लिए आरक्षित रखें। कूलर व पंखों से वार्ड का वातावरण ठंडा रखा जाए। चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ को सतर्क व सजग रखा जाए, प्रत्येक संस्थान पर रैपिड रिस्पांस टीम सक्रिय की जाए।