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Rajsamand बनास के दुश्मनों ने पेटे में लगा दिए पत्थर- मलबे के ढेर, प्रशासन कर रहा नज़रअंदाज़

 
Rajsamand बनास के दुश्मनों ने पेटे में लगा दिए पत्थर- मलबे के ढेर, प्रशासन कर रहा नज़रअंदाज़ 
राजसमंद न्यूज़ डेस्क, राजसमंद  उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के समय-समय पर सख्त आदेश और राष्ट्रीय हरित अधिकरण की कड़ाई के बावजूद प्राकृतिक जलस्त्रोतों की दुर्दशा थम नहीं रही है। राजस्थान की प्रमुख नदियों में से एक कही जाने वाली बनास नदी की खमनोर इलाके की ताजा हालत खुद-ब-खुद बता रही है कि मामला कितना गंभीर है। बनास की खमनोर-मोलेला पुलिया के पास नदी पेटे में बेतहाशा बड़े-बड़े पत्थर और मलबा लाकर डंप कर दिया गया है। इस तरह से समाजकंटक इस इलाके में नदी के अस्तित्व को ही जड़ से मिटाने पर तुले हुए हैं। लोग बता रहे हैं कि पंचायत इलाके में ही खनन माफिया पहाड़ों की कटाई और खुदाई कर लाए गए दर्जनों डंपर वेस्ट पत्थर और मलबा पिछले एक महीने से नदी पेटे में लगातार डंप कर रहे हैं, जिन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। ऐसे में नदी के प्राकृतिक बहाव को बुरी तरह से प्रभावित करने की बेखौफ हिमाकत की जा रही है। पहले भी यहां कई बार बड़े पैमाने पर पत्थर, मलबा और गंदगी डंप की जा चुकी है, मगर इस बार तो स्थिति हद से बाहर हो गई है। बीते महीनेभर में बीसों डंपर भरकर नदी पेटे में डाल दिए गए हैं। अब यहां नदी पेटे की जगह बड़े-बड़े पत्थरों और मलबे के छोटे-छोटे पहाड़ दिखाई देने लगे हैं। नदी के पेटे में मलबे के पहाड़ बना देने से नदी की धारा डायवर्ट होने का खतरा पैदा हो गया है। नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाकर किए जा रहे इस कृत्य को देखकर आम लोग हैरान हैं। लेकिन, प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया है। जबकि, किसी भी नदी-नालों आदि के प्राकृतिक जल बहाव में कोई बाधा ना पहुंचे, इसके लिए हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी जैसी न्यायिक संस्थाओं ने कड़े निर्देश जारी कर रखे हैं। मगर, नदी के दुश्मनों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम नदी का गला घोंट रहे हैं और कोई उन्हें रोकने वाला तक नहीं है।

512 किमी लंबी नदी, उद्गम के पास ही दबा रहे गला

बनास नदी कुंभलगढ़ के वेरों का मठ से शुरू होती है और निचले इलाकों में बहती हुई खमनोर क्षेत्र से गुजरती है। राजस्थान के अनेक जिलों में होकर बहने वाली इस नदी के जल का करीब 512 किलोमीटर का लंबा सफर होता है। चिंता का विषय ये है कि कुंभलगढ़ ब्लॉक में बनास के उद्गम स्थल से 40 किलोमीटर के दायरे में ही खमनोर ब्लॉक आ जाता है, जहां नदी की चौड़ाई को पेटे में अवैध डंपिंग कर कम किया जा रहा है। उद्गम से आगे शुरुआती इलाकों में ही प्रकृति के दुश्मन इस तरह बनास नदी का गला घोंटने पर आमादा हैं। बनास नदी में बड़ी मात्रा में पत्थर-मलबा लाकर डाल देने पर लोगों में खासी नाराजगी है। वे कह रहे हैं कि ऐसा काम करने से तो बनास नदी का बहाव निश्चित रूप से प्रभावित होगा। लोगों का कहना है कि ऐसा करने वालों के खिलाफ प्रशासन को बिना देर किए कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए, ताकि नदी का प्राकृतिक स्वरूप बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को सबक मिले। साथ ही प्रशासन यहां डाला गया मलबा उठवाकर नदी का मार्ग फिर से पूर्ववत सुगम कराए।