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Rajsamand नगर परिषद की उदासीनता के कारण 6 से अधिक कृषि भूमि पर टीन शेड का निर्माण

 
Rajsamand नगर परिषद की उदासीनता के कारण 6 से अधिक कृषि भूमि पर टीन शेड का निर्माण

राजसमंद न्यूज़ डेस्क, राजसमंद शहर में धड़ल्ले से टीन शेड निर्माण चल रहे है, लेकिन जिम्मेदार इस और कोई ध्यान नहीं दे रहे है। शहर में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर कृषि भूमि पर टीन शेड डाल कर निर्माण कार्य किए जा रहे है। इससे नगर परिषद को करोड़ों रूपए के राजस्व की चपत लग रही है, लेकिन विभाग की ओर से महज नोटिस देकर इतिश्री की जा रही है। शहर में कृषि भूमि पर बिना स्वीकृति के टीन शेड का निर्माण कर वहां व्यवसायिक शोरूम और दुकानें बनाई जा रही है। निर्माण को लेकर जनप्रतिनिधि और संबधित अधिकारियों की उदासीनता साफ-साफ दिखाई देती है।

शहर में प्रज्ञा भवन के पास करीब 10 हजार स्कवायर फीट से अधिक कृषि भूमि पर लोहे के पाइप खड़े करके लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है, लेकिन नगर परिषद इस निर्माण से पूरी तरह बेखबर है। इसी तरह कांकरोली में स्टेशन रोड पर परिणय वाटिका के पास भी टीन शेड निर्माण कर ढांचा खड़ा कर दिया गया और शटर लगा दिए गए। वही विवेकानन्द चौराहे पर भी टीन शेड की आड़ में दुकानों का निर्माण कर दिया गया। इसी तरह से धोइंदा रोड टीन शेट से दिन रात काम कर बड़ा शोरूम तैयार किया जा रहा हैै।

नगर परिषद क्षेत्र में हो रहे इस तरह के निर्माण कार्य को लेकर जब परिषद के आयुक्त आरके मेहता से बात की तो उन्होंने बताया कि अवैध निर्माण को लेकर स्वीकृति आदेश की जांच की जाएंगी। उन्होंने कहा कि शहर में अवैध निर्माण को रोकने के लिए परिषद के सहायक अभियंता को प्रभारी बना रखा है, कार्यवाही के आदेश दे रखे है, शहर में बिना परमिशन के निर्माण होने पर वो तुरंत कार्यवाही करें और यदि वो ऐसा नहीं करते है तो वो स्वयं इस पर कार्यवाही करेंगे। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या ऐसे निर्माण करने वालों को कोई नोटिस दिया गया तो उन्होंने कहा कि पहले वो चेक करेंगे, उसके बाद कार्यवाही करेंगें, उसके बाद नोटिस देंगे। यदि अवैध निर्माण हुआ है तो उसका स्पष्टीकरण लेंगें। वही आयुक्त को अवैध निर्माण की शिकायत मिलने के बाद उन्होंने अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस दिए गए है। इस संदर्भ में जब नगर परिषद सभापति अशोक टाक से बात की तो बताया कि शहर में हो रहे अवैध निर्माण पूरी तरह से गलत है, अवैध निर्माण को लेकर प्रभारी को सूचना दे दी गई है। शहर में हो रहे अवैध निर्माण से नगर परिषद को करोड़ों रूपए के राजस्व की हानि हो रही है। नगर परिषद क्षेत्र में कॉमर्शियल कन्वर्ट के 400 से 700 रूपए तक कन्वर्ट चार्ज लिया जाता है। लेकिन इस प्रकार के निर्माण से नगर परिषद के खाते में कुछ नही आता है।