राजस्थान में अब फिर से शुरू होगा बैलों से खेती का चलन, भजनलाल सरकार किसानों को देगी हजारों रूपए की प्रोत्साहन राशि

राजसमंद न्यूज डेस्क- सरकार की ओर से शुरू की गई प्रोत्साहन योजना से खेतों में फिर से बैलों की घंटियों की आवाज सुनाई देगी और परंपरागत तरीके से खेती का चलन एक बार फिर शुरू हो सकेगा। इसके लिए सरकारी योजना के तहत बैलों से खेती करने वाले लघु एवं सीमांत किसानों को प्रति वर्ष 30 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। राज्य सरकार ने बजट में मवेशियों को बढ़ावा देने के लिए बैलों से खेती करने वाले किसानों को 30 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की थी। सरकार की इस पहल से बैलों के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पशुपालन की दिशा में नवाचार की उम्मीद है। इससे लघु एवं सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से लाभ होगा। साथ ही ऐसे किसानों को गोबर गैस प्लांट लगाने के लिए सब्सिडी भी दी जाएगी। इससे जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।
अब कृषि विभाग की ओर से बैलों से खेती करने वाले किसानों की पंचायतवार सूची तैयार की जा रही है। कृषि विभाग ने मार्च माह में ही सभी सहायक कृषि अधिकारियों से जानकारी मांगी है। इसके बाद प्रोत्साहन राशि के लिए किसानों का चयन किया जाएगा। गौरतलब है कि पहले बैलों की मदद से खेती की जाती थी, लेकिन आधुनिक कृषि यंत्रों और ट्रैक्टरों के बढ़ते उपयोग के कारण बैलों से खेती का महत्व नगण्य हो गया। अब सरकार की पहल से बैलों के उपयोग से लघु और सीमांत किसानों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पर्यावरण को भी फायदा होगा। विशेषज्ञों के अनुसार बैलों से की गई जुताई से भूमि की उर्वरा शक्ति भी बनी रहती है। इस योजना में गोबर गैस प्लांट लगाने पर सब्सिडी मिलने के साथ ही बैलों से खेती करने पर कृषि लागत कम होगी, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
बैठक में किसानों को दी गई पूरी जानकारी
इस योजना को लेकर रविवार को केलवाड़ा में कृषि विभाग की ओर से किसानों के साथ बैठक आयोजित की गई। इसमें कृषि पर्यवेक्षक रितेंद्र कुमार देवत और मनीष कुमार शर्मा ने किसानों को योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर भाजपा नेता प्रेमसुख शर्मा के अलावा गांव के कई किसान और स्थानीय निवासी मौजूद थे। बैठक में बताया गया कि परंपरागत कृषि पद्धतियों को संरक्षित करने तथा किसानों को आर्थिक मदद देने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई है। इससे न केवल किसानों को आर्थिक मदद मिलेगी, बल्कि पर्यावरण अनुकूल खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।
सूची तैयार की जा रही है
पत्र जारी कर बैलों से खेती करने के इच्छुक किसानों की ग्राम पंचायतवार सूची तैयार की जा रही है। विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार चयनित किसानों को लाभान्वित करने की कार्रवाई की जाएगी।