Rajsamand सिमाल चौराहे पर तीखे मोड़ और सड़क संरचना के कारण आए दिन हो रही हैं दुर्घटनाएं

इस चौराहा पर सड़क की बनावट और तेज मोड़ के कारण आए दिन गंभीर हादसे होते रहते हैं, जिससे अब तक कई वाहन चालक गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। गत दिनो भी तेज मोड़ के कारण ट्रैक्टर व बस में भिड़न्त होने से एक दर्जन से अधिक यात्री घायल हो गए थे। बताया कि चार मार्गों के एक ही स्थान पर जुड़ाव के कारण हर समय वाहनों की आवाजाही बनी रहती है, परंतु चौराहा पर सडक़ की बनावट के कारण वाहनचालक चाह कर भी वाहन की गति पर नियंत्रण नहीं कर पाता है, जिससे दुर्घटनाएं घटित होती रहती है। कार्यकर्ताओं ने पीडब्ल्युडी, आरटीओ व जिला प्रशासन से सिमाल चौराहा पर सड़क की बनावट में सुधार कराने तथा सड़क पर वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए बेरिकेड या गति अवरोधक लगाने की मांग की है। सिमाल चौराहा की सड़क के टूटे तथा खड़े किनारे वाहनचालकों के लिए दुर्घटना का सबब बने हुए हैं। कार्यकर्ताओं ने बताया कि सिमाल चौराहा पर जैसे ही सामने से आते वाहनों से बचाव के लिए वाहनों को सड़क के किनारे पर लेते हैं तो खड्डे के कारण वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। कार्यकर्ताओं ने चौराहा की सड़कों की भी सुध लेने की मांग की है।
कुम्भलगढ़ टाइगर रिजर्व, फिर बनेगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण की ओर से कुम्भलगढ़ टाइगर रिजर्व की सैद्धांतिक स्वीकृति जारी करने के बाद शुक्रवार को विशेषज्ञों और वन विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें अभयारण्य के कोर जोन, बफर जोन और इको सेंसेटिव जोन को लेकर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य वन संरक्षक आरके जैन ने की। इसमें प्रस्तावित टाइगर रिजर्व के कोर एरिया, बफर जोन एवं इको सेंसेटिव जॉन को लेकर चर्चा की गई। सैद्धांतिक स्वीकृति के बाद वन विभाग एक बार वापस इस क्षेत्र को मार्क करके मैप तैयार करेगा। इस क्षेत्र में आने वाले गांवों और आसपास होने वाली गतिविधियों की भी विस्तृत जानकारी लेकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। गौरतलब है कि गत दिनों राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की द्वितीय तकनीकी समिति की बैठक में कुम्भलगढ़ टाइगर रिजर्व की सैद्धांतिक स्वीकृति जारी की गई थी। बैठक में एनआइसीए सदस्य राहुल भटनागर, वन्यजीव विशेषज्ञ सतीश शर्मा, राजसमंद के उपवन संरक्षक आलोक नाथ गुप्ता, डीएफओ शैतान सिंह देवड़ा, यादवेन्द्र सिंह चुण्डावत आदि ने भाग लिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि राजसमंद के उप वन संरक्षक कोर बफर व इको सेंसिटिव जॉन मार्क कर पूर्ण विवरण 5 दिन में कमेटी को प्रेषित करेंगे।