Sawai Madhopur Assembly Election 2023 कांग्रेस से दानिश अबरार तो डॉ किरोड़ी लाल मीणा होंगे भाजपा उम्मीदवार, जानिये सवाई माधोपुरविधानसभा सीट के ताजा समीकरण

सवाई माधोपुर राजस्थान राज्य में एक विधानसभा/विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र है और टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा/संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। सवाई माधोपुर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले और मत्स्य क्षेत्र में पड़ता है। इसे ग्रामीण सीट के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इस सीट पर कुल 2,35,153 मतदाता हैं, जिनमें 1,24,706 पुरुष मतदाता और 1,10,447 महिला मतदाता शामिल हैं। 2018 के राजस्थान चुनावों में, सवाई माधोपुर में 68.58% मतदान हुआ था। 2013 में मतदान 77.72% था, और 2008 में यह 61% था। 2013 में, भाजपा की राजकुमारी दीयाकुमारी ने 7,532 मतों (4.84%) के अंतर से सीट जीती थी। राजकुमारी दीयाकुमारी ने कुल डाले गए वोटों का 36.86% हासिल किया। कांग्रेस ने 2008 के विधानसभा चुनावों में 2,954 मतों (2.67%) के अंतर से इस सीट पर जीत हासिल की, जो कुल मतदान का 34.24% था। 2014 के लोकसभा चुनावों में, कांग्रेस ने टोंक सवाई माधोपुर संसदीय/लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र में नेतृत्व किया।
सवाई माधोपुर विधानसभा सीट राजस्थानके सवाई माधोपुर जिले में आती है। 2018 में सवाई माधोपुर में कुल 52 प्रतिशत वोट पड़े। 2018 में आईएनसी से डेनिश एबर ने भारतीय जनता पार्टी के श्रीमती आशा मीना को 25 वोटों के मार्जिन से हराया था।सवाई माधोपुर विधानसभा सीट टोंक-सवाई माधोपुर के अंतर्गत आती है। इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं सुखबीर सिंह जौनपुरिया, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं। उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेसके नामो नारायण मीणा को 111291 से हराया था।
कांग्रेस से दानिश अबरार तो डॉ किरोड़ी लाल मीणा होंगे भाजपा उम्मीदवार
सवाई माधोपुर विधानसभा राजस्थान की एक ऐसी विधानसभा सीट है, जहां का विधायक अगला चुनाव नहीं जीत पाता है. राजस्थान के सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने हर बार विधानसभा चुनाव में अपना नया विधायक चुनकर विधानसभा में भेजा है. सवाई माधोपुर का नाम आते ही लोगों के दिल और दिमाग में एक तरफ त्रिनेत्र गणेश भगवान तो दूसरी तरफ बाघों की अठखेलियां सामने आ जाती हैं. सवाई माधोपुर को राजा हठी हम्मीर की धरती कहा जाता है. चौहान वंश के अंतिम शासक हमीर देव सिंह के शासन को विजय गाथा के रूप में लिखा जाता है. सवाई माधोपुर के अमरूद जहां देश भर में प्रसिद्ध हैं. वहीं गंगापुर सिटी का खीर मोहन भी देशवासियों की जुबां पर मिठास घोलता है.सवाई माधोपुर जिले ने कई नेताओं को कद्दावर बनाया और उन्हें प्रदेश और देश की राजनीति में नामचीन बनाया. कई केंद्रीय मंत्री, प्रदेश के मंत्री सवाई माधोपुर जिले ने दिए हैं.
क्या है इस बार का चुनावी समीकरण?
बहरहाल सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र पर नजर डालें तो यहां से इस बार जीत के लिए कांग्रेस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है, जिसकी वजह साफ है कि राज्य सरकार के विकास और महंगाई राहत के बावजूद विधायक एंटी इनकंबेंसी मानी जा रही है.
माना जा रहा है कि सवाई माधोपुर से भाजपा के एक दिग्गज नेता या फिर रॉयल परिवार के सदस्य को चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है. हालांकि सवाई माधोपुर की सामान्य सीट पर सामान्य वर्ग को मौका दिए जाने की बात भाजपा में उच्च स्तर पर पहुंचाई जा रही है. सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र में मीणा, मुस्लिम, वैश्य और गुर्जर मतदाता निर्णायक भूमिका में होता है.
राजनीतिक इतिहास
- सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने एकमात्र विधायक मोती लाल को 1985 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीतकर विधानसभा भेजा था. उसके बाद 1990 के विधानसभा चुनाव में वो जनता दल के प्रत्याशी के रूप में फिर जीत गए थे. इसके बाद के चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने कभी भी किसी विधायक या किसी पार्टी के प्रत्याशी को दोबारा विधायक बनने का मौका नहीं दिया.
- वर्ष 1972 में सवाई माधोपुर विधानसभा की सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी फारूक हसन ने जीत दर्ज की थी. हसन ने स्वतंत्र पार्टी के हरी बल्लभ को हराया था. हसन को 15 हजार 680 वोट मिले थे तो हरी बल्लभ को कुल नौ हजार 873 वोट मिले थे. वहीं 1977 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा सीट पर जनता पार्टी के प्रत्याशी मंजूर अली जीते. मंजूर अली ने कांग्रेस के नत्थू सिंह को हराया था. मंजूर अली को कुल 21 हजार 794 वोट और नत्थू सिंह को कुल 16 हजार 222 वोट मिले थे.
- वर्ष 1980 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर हंसराज चुनाव मैदान में उतरे और जीते. उन्होंने कांग्रेस के फारूक हसन को हराया था. हंसराज को कुल 19 हजार 169 वोट मिले तो फारूक हसन को 18 हजार 194 वोट.
- इसी तरह 1985 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता का पार्टी मोह भंग हो गया और निर्दलीय प्रत्याशी मोतीलाल को जिताकर विधानसभा भेजा. मोती लाल ने बीजेपी के हंसराज शर्मा को हराया. मोतीलाल को कुल 16 हजार 464 वोट मिले थे तो हंसराज शर्मा को कुल 13 हजार 45 वोट मिले.
- 1990 के विधानसभा चुनाव में जनता दल ने मोती लाल को अपना प्रत्याशी बनाया था. मोती लाल लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. मोतीलाल ने निर्दलीय प्रत्याशी मुन्ताज को हराया था. मोती लाल को कुल 20 हजार 709 वोट तो मुन्ताज को 13 हजार 165 वोट मिले थे.
- 1993 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने फिर निर्दलीय प्रत्याशी पर अपना विश्वास जताया. जनता ने महिला निर्दलीय प्रत्याशी नरेंद्र कंवर को विजयी बनाकर विधानसभा भेजा. नरेंद्र कंवर ने कांग्रेस की यासमीन अबरार को हराया था. नरेंद्र कंवर को 27 हजार 797 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर रही यासमीन अबरार को 24 हजार 872 वोट मिले थे.
- 1998 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र कंवर को टिकट दिया. कांग्रेस ने फिर यासमीन अबरार पर ही भरोसा जताया. यासमीन कांग्रेस के भरोसे पर खरी उतरीं और जीतकर विधानसभा पहुंचीं. यासमीन अबरार को 39 हजार 803 वोट मिले तो दूसरे नंबर पर रहीं नरेंद्र कंवर को 27 हजार 203 वोट.
- 2003 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने किरोड़ी लाल मीणा को अपना प्रत्याशी बनाया. कांग्रेस पार्टी ने फिर यासमीन को ही टिकट दिया. लेकिन इस बार सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने किरोड़ी लाल मीणा को जिताया. मीणा को कुल 71 हजार 574 वोट मिले, तो दूसरे नंबर पर रहीं यासमीन अबरार को 41 हजार 488 वोटों से ही संतोष करना पड़ा.
- वहीं 2008 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा सीट की जनता ने कांग्रेस के अलाउद्दीन आजाद को अपना विधायक चुना. उस चुनाव में बीजेपी ने अपने विधायक किरोड़ी लाल का टिकट काटकर जसकौर को मैदान में उतारा था. लेकिन वो अलाउद्दीन आजाद के आगे टिक नहीं पाईं. जसकौर तीसरे नंबर पर चली गईं. दूसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी किरोड़ी लाल मीणा रहे. अलाउद्दीन आजाद को 37 हजार 952 वोट, किरोड़ी लाल मीणा को 34 हजार 952 वोट मिले थे.
- वहीं 2013 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने महिला प्रत्याशी राजकुमारी दीया कुमारी को टिकट दिया. उन्होंने जीत दर्ज की. दीया कुमारी ने नेशनल पीपुल्स पार्टी के किरोड़ी लाल मीणा को हराया था. दीया कुमारी को कुल 57 हजार 384 वोट मिले तो मीणा को 49 हजार 852 वोट.
- साल 2018 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने दानिश अबरार को अपना प्रत्याशी बनाया. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने आशा मीणा को टिकट दिया. इस चुनाव में दानिश अबरार की जीत हुई. अबरार को कुल 85 हजार 655 वोट मिले तो आशा मीणा को 60 हजार 456 वोट.
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सवाई माधोपुर विधानसभा चुनाव परिणाम (2018)
उम्मीदवार का नाम पार्टी स्थान कुल वोट वोट प्रतिशत % मार्जिन डेनिश एबर कांग्रेस विजेता 85,655 52.00% 25,199 श्रीमती आशा मीना भाजपा दूसरे स्थान पर 60,456 37.00% Rajesh Goyal आईएनडी 3rd 5,941 4.00% Kalu Ram Meena CPI 4th 2,909 2.00% Hans Raj बीएसपी 5th 2,489 2.00% Bansi Lal आईएनडी 6th 1,181 1.00% Ram Raj Mali आईएनडी 7th 799 0.00% None Of The Above 8th 794 0.00% Rambal Meena Ambedkarite Party Of India 9th 713 0.00% Shivdayal Bhartiya Panchyat Party 10th 579 0.00% Ramraj Meena एन पी ई पी 11th 445 0.00% Raghuveer Singh Rajawat आईएनडी 12th 365 0.00% Satish Jain AAP 13th 321 0.00% Jagdish Meena Advocate आईएनडी 14th 244 0.00% Bhagwati Singh Kustala Bharat Vahini Party 15th 213 0.00% Chaetan Kumar Rana आईएनडी 16th 176 0.00% Abdul Salam आईएनडी 17th 173 0.00% Asalam Khan Bharatiya Yuva Shakti 18th 131 0.00% -
राजस्थान विधानसभा क्षेत्र (Rajasthan Assembly Seats)