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​​​​​​​Jaisalmer Assembly Election 2023 कांग्रेस रूपा राम मेघवाल तो छोटु सिंह भाटी होंगे भाजपा उम्मीदवार, जानिये जैसलमेर विधानसभा सीट के ताजा समीकरण

 
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जैसलमेर राजस्थान राज्य में एक विधानसभा/विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र है और बाड़मेर लोकसभा/संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। जैसलमेर राजस्थान के जैसलमेर जिले और पश्चिम क्षेत्र में पड़ता है। इसे ग्रामीण सीट के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इस सीट पर कुल 2,24,360 मतदाता हैं, जिनमें 1,19,936 पुरुष मतदाता और 1,04,424 महिला मतदाता शामिल हैं। 2018 के राजस्थान चुनावों में, जैसलमेर में 82.36% मतदान हुआ था। 2013 में मतदान 84.69% था, और 2008 में यह 74.9% था। 2013 में, भाजपा के छोटू सिंह ने 2,867 मतों (1.77%) के अंतर से सीट जीती थी। छोटू सिंह ने कुल डाले गए वोटों का 48.74% हासिल किया। 2008 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 5,775 मतों (4.87%) के अंतर से इस सीट पर जीत हासिल की, जो कुल मतदान का 28.74% था। 2014 के लोकसभा चुनावों में, IND ने बाड़मेर संसदीय / लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र में नेतृत्व किया।

जैसलमेर विधानसभा सीट राजस्थानके जैसलमेर जिले में आती है। 2018 में जैसलमेर में कुल 57 प्रतिशत वोट पड़े। 2018 में आईएनसी से रूपा राम मेघवाल ने भारतीय जनता पार्टी के सांगसिंह भाटी को -75 वोटों के मार्जिन से हराया था। जैसलमेर विधानसभा सीट बाड़मेर के अंतर्गत आती है। इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं कैलाश चौधरी, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं। उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेसके मनवेंद्र सिंह को 323808 से हराया था।

कांग्रेस रूपा राम मेघवाल तो छोटु सिंह भाटी  होंगे भाजपा उम्मीदवार

जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र के परिणाम अपने आप में रोचक हैं. अब तक हुए 15 विधानसभा चुनाव में केवल दो विधायक हुकम सिंह और छोटू सिंह भाटी ही दूसरी बार विधायक बनने में सफल रहे. इनके अलावा सभी विधायक केवल एक बार ही जीत सकें हैं. जैसलमेर से निर्वाचित विधायक को लगातार दूसरी बार पार्टी से दावेदारी करने का मौका कम ही मिलता है.भारत-पाक की सरहद के पास स्थित जैसलमेर जिला राजस्थान ही नहीं देश के सबसे बड़े विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक है. परिसीमन के बाद जैसलमेर जिले में दो विधानसभा क्षेत्र बने, जिसमें एक जैसलमेर और दूसरा पोकरण है. विश्व में पर्यटन के लिहाज से आपने आप में एक अलग ही पहचान बनाये स्वर्ण नगरी जैसलमेर स्थापना रावल जैसल ने 1156 ई. में की थी.

पिछले कई चुनावी नतीजों के बाद साफ़ हो गया कि यहां पार्टी के बजाय व्यक्ति विशेष को ज्यादा महत्व दिया जाता रहा है. वहीं पिछले 15 सालों में विधानसभा चुनाव में छोटूसिंह भाटी, सांगसिंह भाटी और रूपा राम धनदेव के बीच मुकाबला देखा गया है. राजनीतिक रूप से ये बहुत महत्वपूर्ण सीट है, जहां पिछली बार जनरल सीट पर कांग्रेस के रूपाराम करीब 30 हजार वोटों से जीते.

जातिगत समीकरण?

जैसलमेर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र निर्वाचित विधायक को लगातार दूसरी बार पार्टी से दावेदारी करने का मौका कम ही मिलता है. जैसलमेर विधानसभा सीट पर चुनाव में जातिगत प्रभाव ज्यादा रहता है. राजपूत, ब्राह्मण अल्पसंख्यक, एसीसी-एसटी, विश्नोई, जाट, व ओबीसी मतदाता है. इस बार कांग्रेस से मानवेंद्र सिंह जसोल टिकट की दोड़ में सबसे आगे दिखाई दे रहे है.

जैसलमेर से कब कौन जीता