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AICC Appointments: राजस्थान में PCC सदस्य और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति दिखा गहलोत का दम, पायलट नहीं दिखा पाए दम खम

 
AICC Appointments: राजस्थान में PCC सदस्य और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति दिखा गहलोत का दम, पायलट नहीं दिखा पाए दम खम

राजस्थान कांग्रेस की राजनीति पल पल करवट बदलती रही है, क्रम अब भी जारी है. गहलोत बनाम पायलट का खेल खुल कर खेला जा रहा है. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा भी धीरे धीरे अपना कद बढ़ा रहे हैं. इसका सटीक प्रमाण पीसीसी में ब्लॉक स्तरीय नियुक्तियों के बाद एआईसीसी में सीएम खेमे से पायलट के मुकाबले ज्यादा सदस्यों का चुनाव है. 55+20 (55 निर्वाचित और 20 सहवृत) में से 5 पायलट समर्थक हैं यानी 90 फीसदी से ज्यादा सीएम और पीसीसी चीफ के विश्वासपात्रों को जगह दी गई है.

जिस तरह से मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच का कोल्ड वार पब्लिक डोमेन में है. यहां राजनीति के जादूगर शक्ति प्रदर्शन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कहीं आगे नजर आ रहे हैं. चाहें पीसीसी सदस्य बनाने की बात हो ,ब्लॉक अध्यक्ष बनाने की बात हो या फिर अब एआईसीसी सदस्य बने हों हर सूची में गहलोत की छाप साफतौर पर दिखाई दे रही है.

AICC Appointments: राजस्थान में PCC सदस्य और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति दिखा गहलोत का दम, पायलट नहीं दिखा पाए दम खम

'बागी तिकड़ी' नहीं लेकिन

इस सूची में मंत्री महेश जोशी ,मंत्री शांति धारीवाल और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के नाम नहीं है. इससे भले ही पायलट खेमे को खुश करने की कोशिश की गई हो लेकिन 55 निर्वाचित और 20 सहवृत सदस्यों (Associate Members) में से पूर्व डिप्टी सीएम कैंप से जुड़े मंत्री ,विधायकों को नाम मात्र की जगह मिली है. जबकि गहलोत गुट से जुड़े मंत्री ,विधायकों के साथ ही उन नेताओं को भी इस सूची में जगह मिली है जो वर्तमान में विधायक या मंत्री नहीं हैं. सूची पर पूरी तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की छाप ही नहीं है बल्कि यह भी दिखाई दे रहा है कि चाहें राजस्थान हो या फिर कांग्रेस आलाकमान पूरी तरीके से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कंट्रोल में है.

AICC Appointments: राजस्थान में PCC सदस्य और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति दिखा गहलोत का दम, पायलट नहीं दिखा पाए दम खम

Gehlot Vs Pilot में डोटासरा का फायदा

एआईसीसी सदस्यों की जो सूची सामने आई है उनमें निर्वाचित 55 सदस्यों में से सचिन पायलट के अलावा उनके कैम्प के मंत्री मुरारी लाल मीणा और कुलदीप इंदौरा को जगह मिली है. वहीं सहवृत सदस्यों में विधायक इंद्राज गुर्जर और नसीम अख्तर इंसाफ को शामिल किया गया है. इनमें से भी कुलदीप इंदौरा को एआईसीसी सेक्रेटरी होने के चलते मिली है वहीं अख्तर को गोविंद डोटासरा गुट का भी माना जाता है. गहलोत और पायलट के बीच ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी अपने से जुड़े नेताओ को एसीसी सदस्य बनाने में सफलता पाई है तो दिल्ली कोटे से भी AICC सदस्य बने हैं.

डोटासरा के कोटे से खुद गोविंद सिंह डोटासरा, सीताराम अग्रवाल, ललित तुनवाल ,जसवंत गुर्जर हेम सिंह शेखावत ,आरसी चौधरी, स्वर्णिम चतुर्वेदी, पुष्पेंद्र भारद्वाज, देशराज मीणा शामिल हैं. इसी तरह से दिल्ली कोटे की बात करें तो भंवर जितेंद्र, अभिषेक मनु सिंघवी, रघु शर्मा, हरीश चौधरी, मोहन प्रकाश, पवन खेड़ा, धीरज गुर्जर, जुबेर खान, दिव्या मदेरणा ,सीताराम लांबा, संजीता सिहाग, विजय जांगिड़, रूक्ष्मणि कुमारी दिल्ली कोटे से एआईसीसी सदस्य बने हैं.

AICC Appointments: राजस्थान में PCC सदस्य और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति दिखा गहलोत का दम, पायलट नहीं दिखा पाए दम खम

क्यों महत्वपूर्ण होते हैं ये पद?

चुनाव भले ही विधानसभा का हो या लोकसभा का उसमें टिकट देने के लिए संगठन की राय महत्वपूर्ण होती है. यही कारण है कि जब किसी प्रत्याशी का टिकट फाइनल किया जाता है तो उसमें ब्लॉक अध्यक्ष, पीसीसी सदस्य ,जिला अध्यक्ष और एआईसीसी सदस्यों की राय भी ली जाती है, यहां तक की पार्टी में चुनाव हो या फिर कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने हों इन्हीं पदाधिकारियों की वोटिंग और सहमति से निर्णय होते हैं. ऐसे में जब पूरा संगठन ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इच्छा के अनुसार बन रहा है तो फिर टिकट डिस्ट्रीब्यूशन में भी गहलोत गुट हावी रहेगा. हालांकि अभी प्रदेश में जिला अध्यक्षों की सूची आना बाकी है लेकिन जिस तरह से अब तक बाकी नियुक्तियां हुई है लगता यही है कि जिला अध्यक्षों में भी गहलोत पायलट को मात देकर खुद को 20 साबित करेंगे.